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illatively
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.09639379 | Lang: NA
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conjecturally
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.09639379 | Lang: NA
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असङ्ख्यता
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.06426252 | Lang: NA
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illation
Meanings: 4; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.04819689 | Lang: NA
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morally
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.04819689 | Lang: NA
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अनुमित
Meanings: 10; in Dictionaries: 9
Type: WORD | Rank: 0.03213126 | Lang: NA
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deduce
Meanings: 12; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 0.02409845 | Lang: NA
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conjecture
Meanings: 10; in Dictionaries: 5
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आनुमानिक
Meanings: 15; in Dictionaries: 9
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बृहस्पतिस्मृतिः - निर्णयप्रकारः
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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moral
Meanings: 23; in Dictionaries: 8
Type: WORD | Rank: 0.01405743 | Lang: NA
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ब्रह्मकांड - भाग ४
संस्कृत व्याकरणातील एक प्रसिद्ध ग्रंथ म्हणजे वाक्यपदीय. याची रचना योगिराज भर्तृहरिने केली.
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भविष्यपर्व - त्रिंशोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
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अध्यात्मपर पदे - भाग ४
श्री समर्थांनी दासबोध ग्रंथासोबतच गाथा आणि भारुडे रचून इतिहास घडविला आहे
Type: PAGE | Rank: 0.01004102 | Lang: NA
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ब्रह्मकांड - भाग १
संस्कृत व्याकरणातील एक प्रसिद्ध ग्रंथ म्हणजे वाक्यपदीय. याची रचना योगिराज भर्तृहरिने केली.
Type: PAGE | Rank: 0.01004102 | Lang: NA
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कात्यायनस्मृतिः - लेख्यपरीक्षा
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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॥ अथ पञ्चतिक्तघृतम् ॥
’ योगरत्नाकर ’ हा आयुर्वेदावरील मूळ प्राचीन ग्रंथ आहे.
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द्वितीयोध्यायः - तृतीयः पादः
ब्रह्मसूत्रम् अनुभाष्यम्
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आगम
Meanings: 85; in Dictionaries: 9
Type: WORD | Rank: 0.008032816 | Lang: NA
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पदकांड - संबन्धसमुद्देश
संस्कृत व्याकरणातील एक प्रसिद्ध ग्रंथ म्हणजे वाक्यपदीय. याची रचना योगिराज भर्तृहरिने केली.
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शङ्कराख्यः षष्ठोऽम्शः - द्वितीयोऽध्यायः
श्रीशिवरहस्यम्
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बृहस्पतिस्मृतिः - दायभागः
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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व्यास भाष्य - समाधिपादः
प्रस्तुत ग्रंथात हठ योगासंबंधी विस्तृत माहिती देण्यात आलेली आहे.
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द्वितीयोध्यायः - द्वितीयः पादः
ब्रह्मसूत्रम् अनुभाष्यम्
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