Dictionaries | References
p

praise

   
Script: Latin

praise     

English WN - IndoWordNet | English  Any
noun  
Wordnet:
asmপ্রশংসা , গুণানুকীর্ত্তন , গুণকীর্ত্তন , প্রশস্তি , গুণ যশ , তাৰিফ , বাহবা , গৌৰৱ গাঁথা , সাধুবাদ , প্রশংসাবাক্য , গুণ বসনা , গুণানুকী্র্তন , ্গুণানু কী্র্তন , ্গুণগান , গুণ গান , প্রশংসা গীত
bdबाखनायनाय , गुन मुहिनाय , गुन खन्नाय , गुन रायखांनाय , बाखनायनाय मेथाइ
benপ্রশংসা , তারিফ , অভিনন্দন , সংবর্ধনা , শ্রদ্ধা , সমীহ
gujપ્રશંસા , વખાણ , સ્તુતિ , પ્રશસ્તિ , વાહવાહ , અભિનંદન , શાબાશી , મનીષા , શ્લાઘા , તારીફ , યશોગાન , કીર્તન , પાલિ , ગુણગાન , વખાણ , પ્રશંસોક્તિ , અનુકીર્તન , પ્રશસ્તિગાન
hinप्रशंसा , तारीफ़ , तारीफ , सराहना , बड़ाई , प्रशस्ति , दाद , वाहवाही , अभिनंदन , अभिनन्दन , शाबाशी , स्तुति , अस्तुति , प्रस्तुति , मनीषा , शस्ति , शंस , व्युष्टिटट , श्लाघा , आशंसा , ईडा , पालि , गुणगान , प्रशंसा गीत , अनुकीर्त्तन , अनुकीर्तन , अभ्युतक्रोशनमंत्र
kasتعریفشابٲشیداد , تٲریٖف , گۄن , گیٖت گیوٕنۍ
kokतुस्त , तोखणाय , स्तुती , दाद , गुणगान , तोखणायगीत , तुस्तगीत , प्रशंसागीत
malപ്രശംസ , സ്തുതി , പുകഴ്ത്തല്‍ , വാഴ്ത്തല്‍ , പ്രകീര്‍ത്തി , സ്തുതി , സ്തുതി ഗീതം
marप्रशंसा , स्तुती , तारीफ , वाहवा , प्रशस्ती , वाखाणणी , गोडवा , गुणगान
nepप्रशंसा , श्याबासी , बधाई , अभिनन्दन
oriପ୍ରଶଂସା , ସାବାସୀ , ଅଭିନନ୍ଦନ , ସାଧୁବାଦ , ସୁଖ୍ୟାତି , ଗୁଣକୀର୍ତ୍ତନ , ଗୁଣଗାନ , ପ୍ରଶଂସା ଗୀତ|
panਪ੍ਰਸ਼ੰਸਾ , ਪ੍ਰਸੰਸਾ , ਤਾਰੀਫ , ਤਾਰੀਫ਼ , ਤਰੀਫ , ਵਡਿਆਈ , ਸ਼ਾਬਾਸ਼ , ਸਰਹਣਾ , ਦਾਦ , ਵਾਹ ਵਾਹ , ਗੁਣਗਾਣ , ਪ੍ਰਸੰਸਾ , ਕੀਰਤਨ
sanस्तुतिः , प्रशंसा , प्रशस्तिः , अनुष्टुतिः , अभिष्टव , आलोक , उक्थम् , ईडा , उपवर्णनम् , उपस्तवः , गीर्णि , गुणश्लाघा , गूर्ति , देवनम् , धिषणम् , नान्त्रम् , परिष्टुति , परिष्टवनम् , पाणः , प्रख्यातिः , प्रतिष्टुतिः , प्रतिसंधानम् , गुणगानम् , प्रशंसागीतम्
telప్రశంసలు , అభినందనలు , పొగడ్తలు , స్తుతించు , మెచ్చుకొను , కొనియాడు , స్తుతి , స్తోత్రము , పొగడ్త , పొగడిక , ప్రశంస , ప్రశంసనము , నుతి , సన్నుతి , శ్లాఘనం
urdتعریف , ستائش , شاباشی , داد , واہ واہی , بڑائی , حمد وثنا , توصیف , ستائش
verb  
Wordnet:
asmপ্রশংসা কৰা
bdबाखनाय , गुन मुहि , गुन खन
benপ্রশংসা করা , সুখ্যাতি করা , তারিফ করা , স্তুতি করা , বন্দনা করা
gujવખાણવું , પ્રશંસા કરવી , તારીફ કરવી , ગુણ ગાવા , વખાણ કરવાં , શાબશી આપવી , સરાહના કરવી
hinप्रशंसा करना , तारीफ़ करना , बखानना , सराहना , बड़ाई करना , शाबाशी देना
kasتعٲریٖف کَرٕنۍ , شابٲشی دِنۍ , خۄش آمَد کَرٕنۍ , بَڑاوٕ دُین
kokतोखणाय करप , तोखेवप , तुस्त करप , शाबासकी दिवप
marप्रशंसा करणे , स्तुती करणे , वाहवा करणे , वाखाणणे , नावजणे
nepप्रशंसा गर्नु , बडाँई गर्नु
oriପ୍ରଶଂସା କରିବା , ସାବାସ କରିବା|
panਸਰਾਹੁਣਾ , ਸਲਾਹੁਣਾ , ਪ੍ਰਸੰਸਾ ਕਰਨਾ , ਤਾਰੀਫ਼ ਕਰਨਾ , ਸ਼ਾਬਾਸ਼ੀ ਦੇਣਾ , ਵਡਿਆਈ ਕਰਨਾ
sanप्रशंस् , श्लाघ् , स्तु , नु , प्रस्तु , अभिशंस् , आशंस् , अभिष्टु , अनुप्रथ् , अभिनन्द् , गॄ , आगॄ , अभिगॄ , अनुमद् , ईड् , कीर्तय , परिवन्द् , प्रतिशंस् , प्रवच्
telప్రశంసించు , మెచ్చుకొను , పొగడు
urdبڑائی کرنا , شاباشی دینا , بجان کرنا

praise     

स्तुती करणे
 स्त्री. स्तुति

praise     

Student’s English-Sanskrit Dictionary | English  Sanskrit
Praise,v. t.प्रशंस् 1 P, श्लाघ् 1 A, ईड् 2 A, नु 2 P, स्तु 2 U, वर्ण् 10, गै 1 P, कॄत् 10, वि- -प्र-° ख्या 2 P or c. (ख्यापयति), पन् 1 P, नू 6 P. -s.प्र-, शंसा, श्लाघा, स्तुतिf.,स्तवः, वर्णनं-ना, कीर्तनं, नुतिf.,ईडा, स्तोत्रं.
ROOTS:
प्रशंस्श्लाघ्ईड्नुस्तुवर्ण्गैकॄत्विप्र°ख्याख्यापयतिपन्नूप्रशंसाश्लाघास्तुतिस्तववर्णनंनाकीर्तनंनुतिईडास्तोत्रं
-er, s.प्रशंसकः, स्तावकः, वर्णकः, वंदारुः.
ROOTS:
प्रशंसकस्तावकवर्णकवंदारु
-Praiseworthy,a.प्रशस्य, प्रशंसार्ह, श्लाघ्य, स्तुत्य.
ROOTS:
प्रशस्यप्रशंसार्हश्लाघ्यस्तुत्य

praise     

A Dictionary: English and Sanskrit | English  Sanskrit
PRAISE , s.प्रशंसा, स्तुतिःf., स्तवः, श्लाघा, शंसा, प्रशंसनं, संस्तवः, स्तवनं,कीर्त्तनं, अनुकीर्त्तनं, स्तोत्रं, स्तोतृत्वं, ईडा, नुतिःf., नवः, नव्यः, वर्णनं-ना, वन्दना, व्यावृत्तिःf., सामीची. व्यावृत्तिःf.;
‘ground of praise,’ स्तुतिहेतुःm., स्तुतिकारणं.
ROOTS:
प्रशंसास्तुतिस्तवश्लाघाशंसाप्रशंसनंसंस्तवस्तवनंकीर्त्तनंअनुकीर्त्तनंस्तोत्रंस्तोतृत्वंईडानुतिनवनव्यवर्णनंनावन्दनाव्यावृत्तिसामीची.स्तुतिहेतुस्तुतिकारणं

To PRAISE , v. a.प्रशंस् (c. 1. -शंसति -सितुं), अभिप्रशंस्, स्तु (c. 2. स्तौति,स्तोतुं), संस्तु, अभिष्टु, विष्टु, परिसंस्तु, श्लाघ् (c. 1. श्लाघते -घितु, c. 10. श्लाघयति -यितुं), कॄत् (c. 10. कीर्त्तयति -यितुं), अनुकॄत् ईड् (c. 2. ईट्टे-डितुं), प्रसमीड्, वर्ण् (c. 10. वर्णयति -यितुं), वन्द् (c. 1. वन्दते -न्दितुं), विख्या (c. 2. -ख्याति -ते -तुं), प्रख्या, प्रथ् (c. 10. प्रथयति -वितुं), नुor नू (c. 2. नौति, c. 6. नुवति, नवितुं, नुवितुं), अभिनु, अभिप्रणु,प्रण, पण् (c. 1. पणायति -यितुं, पणितुं) or पन्, ऋच् (c. 6. ऋचति,अर्चितुं), ईल् (c. 1. ईलते -लितुं).
ROOTS:
प्रशंस्शंसतिसितुंअभिप्रशंस्स्तुस्तौतिस्तोतुंसंस्तुअभिष्टुविष्टुपरिसंस्तुश्लाघ्श्लाघतेघितुश्लाघयतियितुंकॄत्कीर्त्तयतिअनुकॄत्ईड्ईट्टेडितुंप्रसमीड्वर्ण्वर्णयतिवन्द्वन्दतेन्दितुंविख्याख्यातितेतुंप्रख्याप्रथ्प्रथयतिवितुंनुनूनौतिनुवतिनवितुंनुवितुंअभिनुअभिप्रणुप्रणपण्पणायतिपणितुंपन्ऋच्ऋचतिअर्चितुंईल्ईलतेलितुं

Related Words

self-praise   praise   अतिप्रशंस्   श्र्लाघणें   श्र्लाघा   अभिसंस्तव   स्ताव   उपस्तव   अनुष्टुति   नवांजणें   नवाजणें   प्रतिष्टुति   प्रशंसणें   स्तवणें   उक्थाशस्त्र   उपस्तुत्   मनस्विप्रशंसा   अतिस्तुति   अनुष्टु   अभिप्रशंस्   अभिप्रस्तु   अर्चस्   नान्त्रम्   निंदापरस्तुति   निंदाफलकस्तुतिवाक्य   परिष्टवन   प्रशंसानामन्   प्रशस्तिगाथा   शस्मन्   श्लाघावह   संशंसा   वाखाणणें   स्तवथ   स्तुतिशब्द   स्तुत्यत्व   स्तूत   स्तोत्रार्ह   स्तोमयति   स्वश्लाघा   हरिस्तोत्र   गंगामाहात्म्य   गणपतिस्तवराज   गणेशगीता   उक्थविद्   उक्थायु   उपस्तुति   दुर्गास्तव   दुर्गास्तुति   दुर्गास्तोत्र   चण्डीस्तोत्र   कृष्णकीर्तन   अपराधभञ्जनस्तोत्र   अर्चार्ह   अर्चार्हक   पनिष्टि   परिष्टवनीय   पूर्व्यस्तुति   प्रशंसावलि   प्रशस्तिकृत्   प्रार्थनाशतक   लक्ष्मणकवच   सुप्रवाचन   विष्णुमहिम्नःस्तव   समतिप्रशंस्   श्रवस्काम   श्लोकयति   वर्णवादिन्   स्तुतिगीतक   गुणश्लाघा   निन्दास्तुति   स्तुतिप्रिय   सामीची   विवन्दिषु   गङ्गामाहात्म्य   गणेशभुजंगप्रयातस्तोत्र   इन्द्रगाथा   ईडा   उचथ   उचथम्   ऐश्वर्यकादम्बिनी   गोविन्दार्चनसुधा   ब्राह्मणस्तुति   मूकपञ्चशती   रेखायते   मिथ्यास्तव   मिथ्यास्तोत्र   दानस्तुति   जयोदाहरण   चिदानन्ददशश्लोकी   अनुवर्ण्   अभिप्रगै   अर्कय   देहलीशस्तोत्र   नित्यस्तोत्र   पनायित   पन्नगीगीर्तकीर्ति   परिवन्द्   परिष्टुति   पुनःस्तुति   प्रसमीड्   प्राचीनशिवस्तुति   सामान्यकविप्रशंसा   सूर्यस्तुति   सूर्यस्तोत्र   विकत्थित   वीरभद्रदेवचम्पू   सत्यगिर्वाहस्   सधस्तुत्य   समनिन्दानवन   समनुकीर्तन   श्रीकण्ठस्तव   संकेतस्तव   संवर्णन   संस्तुति   लोललाङ्गूल   वन्दनश्रुत्   शरण्यपुरमाहात्म्य   स्तवार्ह   स्तुतवत्   स्तुतिकुसुमाञ्जलि   स्तुतिपद   स्तुतिशील   स्तोत्रय   स्तोमवर्धन   स्तोमवाहस्   प्रशंशा   प्रस्तुति   सिंहकटी   सङ्कीर्त्तित   सधस्तुति   विकत्था   शाड्   शल्भ्   शस्ति   आत्मपूजा   आत्मस्तव   गङ्गास्तुति   कपटनिंदा   ब्रह्मस्तुति   राजपिंडा   राजेन्द्रकर्णपूर   भारतीनीराजन   भूतिकीर्तन   दिक्पालस्तुति   चण्डिकाशतक   चण्डीकुचपञ्चशती   तुल्यनिन्दास्तुति   कीर्त्तयत्   कीर्त्त्य   अतिष्टु   आगॄ   अभिसंस्तु   अर्चिचयिषु   नुति   धन्यस्तोत्र   निराडम्बरसुन्दर   पनिप्नत्   परिसंस्तु   पितुस्तोम   प्रकीर्ति   प्रतिसान्धानिक   प्रार्च्र्च्   प्रियस्तोत्र   प्रेड्   लक्ष्मीस्तोत्र   सिंहासनद्वात्रिंशति   सिंहासनद्वात्रिंशतिका   सिंहासनद्वात्रिंशत्   सिंहासनद्वात्रिंशत्कथा   सिंहासनद्वात्रिंशत्पुत्तलिकावार्त्ता   सिंहासनद्वात्रिंशत्पुत्रिकावार्त्ता   सिंहासनद्वात्रिंशिका   सुधालहरी   सुष्टुति   सगरस्   समभिष्टु   समीड्   संश्लोक्   वन्दथ   वर्पन्   व्यासाष्टक   सश्लाघम्   हरिमीडे   हरिमीडेस्तोत्र   उत्कॄत्   गूर्ति   अनुमाद्य   अभिष्टव   प्रशंसामुखर   प्रशंसितव्य   सङ्कीर्त्तन   वक्मन्   संस्तु   गीर्णि   प्रतुष्टुषु   अगोरुध   उक्थिन्   कब्   गूर्ध्   णु   अभिगूर्ति   प्रस्तव   ष्टु   व्याजस्तुति   स्तोत्रम्   स्तोम्   अगोता   इन्द्रस्तुत्   इन्द्रस्तोम   ईडित   ईलित   उक्थामद   उत्कीर्त्तन   उदावह्   उपश्लोकय   उपश्लोकयति   ऋक्वत्   ऋक्वन्   ऋग्मत्   ग्रावस्तोत्रिया   घृतस्तुति   घृतस्तोमीय   फकड   भद्रकालिप्पाट्टु   भन्दना   मेधयु   रासभवन्दिनी   मदेरु   मन्दनम्   मन्दाक   मन्द्रय   मरुत्स्तोत्र   महापद्यषट्क   गिरावृध्   गुणस्तुति   गूर्तश्रवस्   जराबोध   णू   तुत्थ्   अनुप्रथ्   अनुमद्   अश्लाघा   आचिख्यासोपमा   आटछाटीचा   अभिसंस्वृ   अभ्यर्च   अर्क्   नविष्टि   पट्टाईतशराईत   पनस्य   परिकॄत्   परिष्टु   पांसुचामर   प्रकीर्त्ति   प्रकॄत्   प्रतिशंस्   प्रतीड्   प्रशंशन   प्रशंसामुखरानन   प्रहोष   सुशस्ति   सुश्लोक्य   वीरभद्रदेव   वेदस्तुति   श्रवस्यु   श्लाघन   संकीर्त्   संकॄत्   संवर्ण्   वक्मराजसत्य   वक्वन्   वर्णकवि   स्तवेय्य   स्तुतस्तोम   स्तुत्   स्तुनक   स्तुपेप्य   स्तूयमान   स्तोतृत्व   स्तोमय   स्तोम्य   स्तौति   हरिपाठ   अर्थवाद   संस्तव   ईड्   स्तोत्र   आराधणें   आशस्   कधप्रिय   कव्   मृषावाद   अश्लाघ्य   असूर   अभिगर   नवचंडी   नात्र   निन्दनम्   सुवृक्ति   आयतस्तू   गम्भीरशंस   उक्थवर्धन   उक्थशुष्म   उच्छंस्   उत्कीर्त्तित   उपवर्णन   कपटस्तुति   ऋग्मिन्   ग्रावस्तोत्रीय   मेधसाति   रामरक्षा   मननीय   मनन्य   जगत्प्रकाश   चर्कृत्य   चारभट   अश्लाघनीय   अस्मानचपेटा   अर्थोपम   नदि   नुत   नूत   नान्त्र   परिकीर्त्   प्रगॄ   प्रशंसन   सोल्लुण्ठन   विकत्थन   ष्टुभ्   वल्गूयति   व्याजनिन्दा   सम्पूज्   स्तवक   applause   कत्थ्   प्रख्याति   शाल्   श्लाघ्य   वन्दारु   वाखाण   उक्थ्य   प्रशस्ति   श्लाघा   स्तुति   संस्ताव   स्तुत   आत्मश्लाघा   आपनिक   आपन्   आर्जविणें   उपलम्भ्य   कत्थ   चक्रधर्मा   बृबदुक्थ   भोगावली   योषणा   गानम्   गिर्वणस्   चर्कृति   चीभ   कूर्च्चिका   कृपाय   अनुक्थ   अनुभृ   अश्वस्तोमीय   अस्मानतारा   अनुशंस्   अभिगूर्त   अभिवन्दन   अभिस्वृ   अर्चत्र्य   नुन्न   पडतउभें   पणायित   पांशुचामर   पिण्या   प्रगै   प्ररोचना   प्रार्च्   celebration   लब्धवर्ण   विकत्थनीय   विलोभनम्   विष्टु   वीरपीर   संस्वृ   शीभ्य   श्लाघित   वचस्य   वर्णविलोडक   वैष्टुत   शंखवणी   शंसन   शंसा   ससंदेह   स्तवनम्   स्तुतिव्रत   स्तोतृ   उचथ्य   उपस्तु   ऋक्   फाग   रिभ्   रुद्रिय   मन्दन   अभिशंस्   पणाया   पन्   पाण्य   प्रणु   प्रशस्य   विलोभन   वन्दनम्   व्याजनिंदा   स्तुत्य   स्तोतव्य   स्तव   पाण   शल्   स्तवन   आस्ताव   उद्ब्रू   उपरटपका   उपवच्   ऋक्व   ओहस्   ग्नावत्   रप्   गाथानाराशंसी   कीर्त्तन   कूर्च्चशीर्ष   कृष्णोपनिषद्   अनुनु   आङ्गूष   अभिप्रणु   अभिस्वर्   अरंगर   अर्ह्य   पणाय   पन   प्रतिपूज्   प्रतिसंधान   प्रतिसंधानम्   प्रतिसन्धान   प्रभृ   सौश्रवस   संकीर्तन   वन्दि   वन्द्र   वर्णना   आदिकवि   आरु   कूर्च्च   अभिष्टु   प्रशंस्   सुकीर्ति   वन्दनीय   शंस   शट्   अनुष्टुभ्   ऋच्   प्रशंसा   मागधस्   संगॄ   वन्दन   वर्ण्   व्युष्टि   स्तुभ्   स्वृ   श्लोक   स्तु   स्तोम   उपगै   मंगलाचरण   जल्प्   तारीप   तारीफ   प्रब्रू   प्रशंसनीय   प्रस्तु   विष्णुचित्त   समीची   स्तुतिपाठक   इड   कब   कल्या   काक्षीवतसुता   ऋक्थ   घुष   फक्कड   भन्द्   मैत्रेयक   रेभ्   माहेन्द्री   गिर्   तिरुनावुक्करश   कीरि   कीर्त्   कॄत्   आगै   
Folder  Page  Word/Phrase  Person

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP