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शक्ति

   { śaktiḥ, śakti }
Script: Devanagari
See also:  शक्‍ति

शक्ति     

Puranic Encyclopaedia  | English  English
ŚAKTI I   
(1) General.
Son of Vasiṣṭha by Arundhatī. He was the first-born among the hundred sons of Vasiṣṭha. Kalmāṣapāda, the Rākṣasa captured and ate Śakti and his pregnant wife Adṛśyantī spent her days in great grief with Vasiṣṭha. Parāśaramuni, father of Vyāsa, was Adṛśyantī's son. (For details see under (Adṛśyantī).
2) Other information
(i) It was Śiva, who incarnated himself as the son of Vasiṣṭha.
(ii) Gopāyana, Bharadvāja, Āpastamba and Arṇodara belong to the line of disciples of Śakti. [Vāmana Purāṇa, Chapter 6] .
ŚAKTI II   The weapon of Subrahmaṇya is called Śakti, and it was made by Viśvakarman. Viśvakarman once grilled Sūrya (sun) on his machine and reduced his glow. The glow thus released by Viśvakarman fell on the earth and Viśvakarman made with that glow the cakra (disc) of Viṣṇu, the triśūla (trident) of Siva the Puṣpaka, aerial chariot of Kubera and the Śakti of Subrahmaṇya. [Viṣṇu Purāṇa, Part 3, Chapter 2] .
ŚAKTI III   The sound ‘Ś’ means welfare or prosperity and ‘kti’ prowess. Therefore Śakti means she, who is the embodiment of prosperity and prowess or she, who grants prosperity and prowess. The definition of ‘Bhagavatī’ is, she who combines in herself knowledge affluence, wealth, reputation, power and the female organ. Therefore the word ‘Śakti’ may be taken to mean Bhagavatī and Pārvatī, and what are termed as Bhagavatī, Śakti, Devī, Ambikā, Pārvatī etc. are the manifestations of Śakti, Śiva's spouse. This Śakti exists fractionally in all Devas. When, once upon a time the devāsura war broke out the Śaktis of Devas like Brahmā emerged to help Caṇḍikā. The vehicle, ornaments, weapon etc. of each Deva, his Devī also possessed. The Śaktis (Devīs) of the Devas appeared in the following manner. Brahmāṇī, wife of Brahmā, rode on the swan wearing beads around her neck and holding the water-vessel in her hands. She was followed by Vaiṣṇavī Viṣṇu's Śakti on Garuḍa wearing yellow clothes and with the conch, disc, lotus etc. in her hands. Śāṅkarī Śiva's Śakti rode on the ox with the crescent moon and serpents as ornaments and holding in her hands the Śūla. ‘Kaumārī’, Subrahmaṇya's Śakti rode on Airāvata with śūla in hands. The Śakti called ‘Vārāhī in the form of a great boar rode carrying a corpse, Nārasiṁhī’ Śakti took the form of narasiṁha (half man and half lion). Yāmyā, Yama's śakti, rode on buffalo holding in her hands a long stick. Śaktis called Kauberī and Vāruṇī took their respective forms and in this manner all the Śaktis came to the help of Devī. This sight pleased not only the Devas, but the mother of the universe also. Along with them incarnated on earth Śaṁkara, who gives ‘śaṁ’ (happiness) to the world and blessed Caṇḍikā on the battle-field [Devī Bhāgavata, 5th and 9th Skandhas] .

शक्ति     

हिन्दी (hindi) WN | Hindi  Hindi
noun  कोई ऐसा तत्व जो कोई कार्य करता, कराता या क्रियात्मक रूप में अपना प्रभाव दिखलाता हो   Ex. इस कार्य के दौरान आपकी शक्ति का पता चल जायेगा ।
HYPONYMY:
दिव्य शक्ति आत्मशक्ति क्षमता दिव्यदृष्टि दृष्टि ऊर्जा गुरुत्वाकर्षण शक्ति ताक़त मनोबल समझ आत्मक्षमता मोहनी आकर्षण बाहुबल विद्युत्शक्ति रोधक्षमता उत्पादिता स्मरण शक्ति सुग्राहिता पहुँच पकड़ प्रतिभा सिद्धि अनंतशक्ति ब्रह्मवर्चस औकात अभिधा लक्षणा व्यंजना अपोलो दबाव प्लूटो निर्णय क्षमता इच्छा शक्ति बोधन क्षमता रिजर्व उत्पादकता त्रिकालज्ञता चुंबकत्व आवरणशक्ति ध्यान रोग प्रतिरोधक क्षमता नियंत्रण शक्ति वाणी तर्कशक्ति ज़ोर कार्यक्षमता रासायनिक बंध वायुशक्ति वक्तृत्व हाजमा पुंस्त्व मनोवृत्ति ईश्वरीय शक्ति
ONTOLOGY:
गुण (Quality)अमूर्त (Abstract)निर्जीव (Inanimate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
बल क्षमता ताक़त ताकत दम दमखम कुव्वत कूवत बूता हीर दम-खम दमख़म दम-ख़म दाप ज़ोर जोर वृजन वयोधा वाज अवदान पावर सत्व सत्त्व वीर्या क्षत्र क़ुदरत कुदरत
Wordnet:
benশক্তি
gujશક્તિ
kanಶಕ್ತಿ
kasطاقت , ہِمَت , جُرَت , زور
kokतांक
malശക്തി
marक्षमता
mniꯄꯥꯡꯒꯜ
nepशक्‍ति
oriଶକ୍ତି
panਤਾਕਤ
tamபலம்
telశక్తి
urdقوت , طاقت , حوصلہ , ہمت , زور , صلاحیت , دم خم , مضبوطی , بل بوتہ
noun  तंत्र में वर्णित एक अधिष्ठात्री देवी जिसकी उपासना करने वाले शाक्त कहलाते हैं   Ex. प्राचीन काल से शक्ति की उपासना होती चली आ रही है ।
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
ईश्वरी ईश्वरा
Wordnet:
bdगोहोनि मोदाइजो
benশক্তি
kanಶಕ್ತಿ
kasشکتی
kokशक्ती
malശക്തി
oriଶକ୍ତି
urdشکتی , ایشوری , ایشورا"
noun  किसी विशिष्ट देवता का पराक्रम या बल जो उसकी पत्नी के रूप में माना जाता है   Ex. गौरी शिव की तथा लक्ष्मी विष्णु की शक्ति हैं ।
HYPONYMY:
ब्राह्मी महालक्ष्मी
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
Wordnet:
sanशक्तिः
urdشکتی , طاقت
See : ताक़त, साँग, अधिकार, कुंडलनी

शक्ति     

शक्ति n.  देवी पार्वती का एक अवतार। पौराणिक साहित्य में शक्तियों की संख्या इक्कावन बतायी गयी है, जिनके विभिन्न स्थानों को वहाँ ‘शक्तिपीठ’ कहा गया है ।
शक्ति n.  रुद्र के द्वारा किये गये दक्षयज्ञ के विध्वंस की कथा ब्राह्मणग्रंथों में एवं महाभारत में प्राप्त है । किन्तु जिस कल्पना के आधार से शक्तिपूजा के पीठों की निर्मिति भारतवर्ष में हुई, उस रुद्रशिव एवं पार्वती के कथा का निर्देश, इन ग्रंथों में कहीं भी, प्राप्त नहीं है, जो सर्वप्रथम उत्तरकालीन ‘देवीभागवत’ एवं ‘कालिकापुराण’ में पाया जाता है [दे. भा. ७.३०] ;[कालिका. १८] । इस कथा के अनुसार, दक्षयज्ञ में अपमानित हो कर सती ने यज्ञकुंड में अपना शरीर झोंक दिया । तत्पश्चात् क्रोध से पागल हुआ रुद्र-शिव सती का प्राणहीन देह कन्धे पर ले कर समस्त त्रैलोक्य में नृत्य करता हुआ उन्मत्त अवस्था में घूमने लगा। यह देख कर विष्णु ने अपने चक्र से सती के शरीर के टुकड़े टुकड़े कर उन्हें विभिन्न स्थानों पर गिरा दिया । सती के शरीर के खंड तथा आभूषण, इक्कावन स्थानों पर गिरे, जहाँ एक-एक शक्ति, एवं एक-एक भैरव विभिन्न रूप धारण कर अवतीर्ण हुए। आगे चल कर, इन्हीं स्थानों पर ‘शक्तिपीठों’ का निर्माण हुआ ।
शक्ति (वसिष्ठ) n.  एक ऋषि, जो वसिष्ठ एवं अरुंधती के सौ पुत्रों में ज्येष्ठ पुत्र था [भा. ४.१.४१] ;[म. आ. १६६.४] । मत्स्य में इसे ‘शक्तिवर्धन’ कहा गया है [मत्स्य. १४५.९२-९३] । इसे वर्तमान वैवस्वत मन्वंतर का छब्बीसवाँ वेद - व्यास कहा गया है ।
शक्ति (वसिष्ठ) n.  ऋग्वेद एवं ब्राह्मण ग्रंथों में विश्वामित्र ऋषि से हुए इसके संघर्ष की, एवं इस संघर्ष में इसे जला कर भस्म किये जाने की, अनेकानेक कथाएँ प्राप्त हैं। ऋग्वेद के कई मंत्रों का यह द्रष्टा है [ऋ. ७.३२.२६-२७, ९.९७. १९-२१, १०८.३. १४-१६] । इन मंत्रों में से छब्बीसवें ऋचा का केवल पहला ही चरण इसके द्वारा रचाया गया था । ऋग्वेद में प्राप्त एक ऋचा से प्रतीत होता है, कि एक जब यह विश्वामित्र के उद्यान में गया था, तब वहाँ के सेवकों ने इसे जला कर भस्म किया था [ऋ. वेदार्थदीपिका ७.३२.२६] । गेल्डनर के अनुसार, ऋग्वेद की अन्य एक ऋचा में शक्ति के मृत्यु-संघर्ष का वर्णन प्राप्त है [ऋ. ३.५३.२२] । किंतु यह व्याख्या अत्यधिकसंदिग्ध प्रतीत होती है । ऋग्वेद के सायणभाष्य में, इसके संबंध में शाट्यायन ब्राह्मण के अंतर्गत एक आख्यायिका उद्धृत की गयी है । एक बार सौदास राजा के घर में एक यज्ञ, हुआ जहाँ इसने विश्वामित्र ऋषि को पराजित किया । तदुपरांत, विश्वामित्र ने जमदग्नि के घर आश्रय लिया, जिसने उसे ‘ससर्परी विद्या’ सिखायी। इसी विद्या के आधार से विश्वामित्र ने इसे वन में भस्म किया, एवं इस प्रकार अपने पराजय का प्रतिशोध लिया [ऋ.ग्वेद. सायणभाष्य ३.५३.१५-१६] ;[ऋग्वेद सर्वानुक्रमणी ७.३२] । जैमिनि ब्राह्मण में, विश्वामित्र ऋषि के अनुयायियों के द्वारा इसे आग में फेंक दिये जाने की कथा अधिक स्पष्ट रूप से प्राप्त है [जै. ब्रा. २.३९०]
शक्ति (वसिष्ठ) n.  इस साहित्य में यह विश्वामित्र के अनुयायियों के द्वारा नहीं, बल्कि राक्षसरूप प्राप्त हुए कल्माषपाद सौदास राजा के द्वारा भक्षण किये जाने का निर्देश प्राप्त है [म. आ. १६६.३६] । महाभारत में प्राप्त यह निर्देश अयोग्य प्रतीत होता है, क्यों कि, यह कल्माषपाद सौदास के द्वारा नहीं, बल्कि सुदास राजा के द्वारा मारा गया था । राक्षस के द्वारा इसे भक्षण किये जाने की कथा लिंग में भी प्राप्त है [लिंग. ६४ - ६५] । इसकी मृत्यु होने पर, इसके पुत्र पराशर ने इसका वध का प्रतिशोध लेने के लिए राक्षससत्र प्रारंभ किया । आगे चल कर, उसके पितामह वसिष्ठ ने उसे इस पापकर्म से परावृत्त किया (पराशर देखिये) । अपनी मृत्यु की पश्चात्, यह शिवभक्ति के कारण स्वर्गलोक पहुँच गया [पद्म. पा. ११०]
शक्ति (वसिष्ठ) n.  इसे दक्ष से ‘वायुपुराण’ का ज्ञान प्राप्त हुआ था, जिसे इसने गर्भावस्था में स्थित अपने पराशर नामक पुत्र को निवेदित किया था [ब्रह्मांड. २. ३२.९९]
शक्ति (वसिष्ठ) n.  इसकी पत्‍नी का नाम अदृश्यन्ती था, जिससे इसे पराशर नामक सुविख्यात पुत्र उत्पन्न हुआ था [भा. ४.१.४१] । इसका यह पुत्र इसकी मृत्यु के पश्चात् बारह वर्षों के उपरांत उत्पन्न हुआ था (पराशर देखिये) ।

शक्ति     

A dictionary, Marathi and English | Marathi  English
; reach or extent of significance. 3 The energy or active power of a deity personified as his wife; as Párvatí and Lakshmí of Shiva and Vishn̤u. 4 The female organ as the counterpart of the phallic personification of Shiva, and worshiped by a sect of Hindús thence termed Shákt. 5 An iron spear or dart.

शक्ति     

Aryabhushan School Dictionary | Marathi  English
 f  Ability; power. An iron spear.

शक्‍ति     

 स्त्री. १ सामर्थ्य ; योग्यता ; लायकी . २ बळ ; ताकद ; प्रभाव . समासांत उपयोग . उदा० शरीरशक्ति ; इंद्रियशक्ति ; नेत्रशक्ति ; कर्णशक्ति ; वायुशक्ति ; ज्ञानशक्ति ; योगशक्ति ; कालशक्ति . नाम शक्तिबळें जळीं पाषाण तरले । . २ अर्थकक्षा ; मर्यादा ; सीमा ; व्याप्ति ( शब्द वगैरेची ). ३ स्त्रीदेवता ; पार्वती , लक्ष्मी , इ० देवी ; ईश्वराची स्त्रीरूप सामर्थ्यप्रतिमा . तुका हरिभक्ती करी । शक्ति पाणी वाहे घरीं । - तुगा ४११ . गणेश शारदा नाना शक्ती - दा ४ . ६ . १० . ४ माया ; परमेश्वरशक्ति . जे महंताची शांती । ... जे ईश्वराची शक्ति । . ५ प्रेरणा ; ( यंत्रास चलन देणारा कर्ता ). ६ एक आयुधविशेष ; अस्त्र . उदा० वासवशक्ति . चित्रनृपें प्रतिविंध्यप्राण हरायासि सोडिली शक्ति . । - मोकर्ण ९ . २४ . ७ कुंडलिनी . तैसी वेढियातें सोडिती । शक्ति . । - मोकर्ण ९ . २४ . ७ कुंडलिनी . तैसी वेढियातें सोडिती । कवितकें आंग मोडिती । कंदावरी शक्ति । उठली दिसे । - ज्ञा ६ . २२७ . ८ स्त्रीपुरुष मिळून जें मिथुन त्यांतील जी स्त्री ती . ९ शिवलिंगाला प्रतिरूप म्हणून असलेली योनी ; प्रकृति . तंत्रमताची देवता . हिची उपासना करणारे ते शाक्त . १० अमुक शब्द उच्चारिला असतां अमुक अर्थाचाच बोध व्हावा असा शब्दाच्या ठिकाणीं असलेला संकेत . ११ भाला . [ सं . शक् ‍ - सामर्थ्य असणें ]
०ग्रह  पु. १ शब्दाचें विशेषार्थी ग्रहण ; अर्थज्ञान . २ शब्द , लक्षण , इ० वरून होणारा बोध , मत ; एखाद्याच्या संबंधानें झालेला ग्रह . त्याच्या वेषावरून हा साधु असा मला शक्तिग्रह झाला होता . ३ अस्तित्वांत असलेल्या वस्तूंचें अस्तिरूपी ज्ञान , ग्रहण , बोध ; वास्तविकज्ञान ; यथार्थज्ञान . [ सं . ]
०ग्राहक वि.  शब्दाच्या अर्थाचा निर्णय करणारा ; निर्णायक . उदा० व्याकरण , कोश , रूढी , पध्दति . [ सं . ]
०चक्र  न. मायारूप विश्व ; मायाचक्र . जें शक्तिचक्राशी वेगळ । . शक्तिचक्र जें अशेष । तें उपसंहरें निःशेष । मूळमायेसिसें । [ सं . ]
०त्रय  न. १ युध्दाच्या तीन शक्ति ; प्रभुशक्ति , मंत्रशक्ति , उत्साहशक्ति . २ घटना , रचना , यासंबंधी तीन शक्ति ; ज्ञानशक्ति , क्रियाशक्ति , द्रव्यशक्ति . या तिन्हीस क्रमानें सत्वगुण , रजोगुण , तमोगुण यांशीं संबध्द अशीं सात्विकशक्ति , राजसशक्ति , तामसशक्ति अशीं नावें आहेत . [ सं . ]
०शक्तितः   क्रिवि . शक्तीप्रमाणें . शक्तिनसार , शक्तिरूप - वि . शक्तीप्रमाणें ; सामर्थ्याप्रमाणें ; योग्यतेप्रमाणें . शक्तिनसार दे सर्वदा । तो सत्वगुण । - दा २ . ७ . ५५ . [ सं . शक्ति + अनुसार , शक्ति + अनुरूप ]
०नित्यत्व  न. ( शाप . ) शक्ति केव्हांहि नष्टा होत नाहीं , तिचें फक्त रूपांतर होंतें हा सिध्दान्त . [ इं . ] कॉन्झर्व्हेशन ऑफ एनर्जी . [ सं . ]
०पात  पु. १ मंत्राचा उपयोग करण्याचें गुरूनें दिलेलें सामर्थ्य ; शिष्यास गुरूनें दिलेलें स्वतःच्या ठिकाणचें मंत्रबल . २ शक्तिक्षय ; बलहानि ; दुर्बलता ; दुबळेपणा .
०पूजा  स्त्री. शक्तीची , देवीची , दुर्गेची पूजा ( शाक्तांची ).
०मान्   , मंत , वंत - वि . १ सामर्थ्यवान ; कार्यक्षम ; लांयक ; योग्य . २ बलवान ; जोरदार ; प्रबळ . [ सं . ]
‍   , मंत , वंत - वि . १ सामर्थ्यवान ; कार्यक्षम ; लांयक ; योग्य . २ बलवान ; जोरदार ; प्रबळ . [ सं . ]
०मापक  न. ( शाप . ) यंत्राचें सामर्थ्य , गति वगैरे मोजण्याचें यंत्र . ( इं . ) डायनामोमीटर .
०वैकल्य  न. ( कोणत्याहि प्रकारचें ) सामर्थ्यांतील व्यंग ; बलांतील उणेपणा , कमताई ; कमजोरपणा .
०संग्राहक  न. एंजिनाची गति स्थिर राहण्याकरितां , योजिलेलें एक महत्त्वाचें चक्र ; यामुळें दट्टयाची गति स्थिर राहून एंजिन सारख्याच वेगानें फिरतें . ( इं . ) फ्लायव्हील . [ सं . ]
०सुत  पु. १ कार्तिकस्वामी . २ पराशर ऋषि
०हीन  पु. दुर्बळ .
०क्षीण वि.  शक्तिपात झालेला ; अतिशय . अशक्त शालेला ; आजारी , उपाशी , वृध्द , ( मनुष्य ); सांमर्थ्यहीन ; बळहीन ; सत्ताहीन . शक्त्त्युपासना - स्त्री . शक्तिदेवतेची सेवा , पूजा ; शक्तिपूजा . [ सं . ] शाक्त - पु . शक्तीचे उपासक ; देवीचा उपासक ; शक्तिदेवीचा भक्त . शक्तितें शाक्तहि आराधिती । - घनःश्याम भूपाळी . - वि . शक्तिसंबंधांची ( पूजा , अर्चा , विधी इ० ). [ सं . ]
०पंथ   मार्ग - पु . शक्त्युपासना ; ज्यांत देवतोद्देशानें मद्य प्राशनादि करावें असें सांगितलें आहे त्या तंत्रोक्त मार्गाचें नांव . वाममार्ग पहा . [ सं . ]

शक्ति     

नेपाली (Nepali) WN | Nepali  Nepali
noun  कुनै यस्तो तत्व जसले कुनै कार्य गर्नु, गराउनु वा क्रियात्मक रूपमा आफ्नो प्रभाव देखाउँछ   Ex. यो कार्य गर्दा तपाईँको शक्‍ति थाहा हुन्छ
HYPONYMY:
धारण क्षमता दृष्टि बल मनोबल सोचाइ प्रतिभा बाहुबल विद्युत् शक्‍ति उत्पादन गुरुत्वाकर्षण शक्‍ति स्मरण शक्‍ति आकर्षण पकड आन्तरिक शक्ति अनन्तशक्ति
ONTOLOGY:
गुण (Quality)अमूर्त (Abstract)निर्जीव (Inanimate)संज्ञा (Noun)
SYNONYM:
बल ताकत
Wordnet:
benশক্তি
gujશક્તિ
hinशक्ति
kanಶಕ್ತಿ
kasطاقت , ہِمَت , جُرَت , زور
kokतांक
malശക്തി
marक्षमता
mniꯄꯥꯡꯒꯜ
oriଶକ୍ତି
panਤਾਕਤ
tamபலம்
telశక్తి
urdقوت , طاقت , حوصلہ , ہمت , زور , صلاحیت , دم خم , مضبوطی , بل بوتہ
See : बल, अधिकार

शक्ति     

A Sanskrit English Dictionary | Sanskrit  English
शक्ति  f. or शक्ति॑f. power, ability, strength, might, effort, energy, capability (शक्त्या or आत्म-श्° or स्व-श्°, ‘according to ability’; परं शक्त्या, ‘with all one's might’; वित्त-शक्त्या, ‘according to the capability of one's property’; शक्तिम् अ-हापयित्वा, ‘not relaxing one's efforts, exerting all one's strength’), faculty, skill, capacity for, power over (gen.loc.dat., or inf.), [RV.] &c. &c.
effectiveness or efficacy (of a remedy), [ŚārṅgS.]
प्रभुत्व   regal power (consisting of three parts, , personal pre-eminence; मन्त्र, good counsel, and उत्साह, energy), [Kām.] (cf.[Ragh. iii, 13] )
असित   the energy or active power of a deity personified as his wife and worshipped by the शाक्त (q.v.) sect of Hindūs under various names (sometimes only three, sometimes eight शक्ति goddesses are enumerated, as follow, इन्द्राणी, वैष्णवी, शान्ता, ब्रह्माणी, कौमारी, नारसिंही, वाराही, and माहेश्वरी, but some substitute चामुण्डा and चण्डिका for the third and sixth of these: according to another reckoning there are nine, viz.वैष्णवी, ब्रह्माणी, रौद्री, माहेश्वरी, नारसिंही, वाराही, इन्द्राणी, कार्त्तिकी, and प्रधाना: others reckon fifty different forms of the शक्ति of विष्णु besides लक्ष्मी, some of these are कीर्त्ति, कान्ति, तुष्टि, पुष्टा, धृति, शान्ति, क्रिया, दया, मेधा &c.; and fifty forms of the शक्ति of शिव or रुद्र besides दुर्गा or गौरी, some of whom are गुणोदरी, विरजा, शाल्मली, लोलाक्षी, वर्तुलाक्षी, दीर्घ-घोणा, सुदीर्घ-मुखी, गो-मुखी, दीर्घ-जिह्वा, कुण्डोदरी, अर्ध-केशी, विकृत-मुखी, ज्वाला-मुखी, उल्कामुखी &c.; सरस्वती is also named as a शक्ति, both of विष्णु and रुद्र: according to the वायु-पुराण the female nature of रुद्र became twofold, one half or white, and the other सित or black, each of these again becoming manifold, those of the white or mild nature included लक्ष्मी, सरस्वती, गौरी, उमा &c.; those of the dark and fierce nature, दुर्गा, काली &c.), [Kāv.] ; [Kathās.] ; [Pur.] (cf.[RTL. 181 &c.] ; [MWB. 216] )
the female organ (as worshipped by the शाक्त sect either actually or symbolically), [RTL. 140]
पदस्य पदार्थे   the power or signification of a word (defined in the न्याय as सम्बन्धःi.e. ‘the relation of a word to the thing designated’), [Bhāṣāp.] ; [Sāh.]
कारक   (in Gram.) case-power, the idea conveyed by a case (= ), [Pāṇ. 2-3, 7] Sch.
the power or force or most effective word of a sacred text or magic formula, [Up.] ; [Pañcar.]
the creative power or imagination (of a poet), [Kāvyâd.]
help, aid, assistance, gift, bestowal, [RV.]
शक्ती   a spear, lance, pike, dart, [RV.] &c. (also g.बह्व्-आदि)
a sword, [MW.]
रथ-श्°   (prob.) a flag-staff (See )
ROOTS:
रथ श्°
a partic. configuration of stars and planets (when the latter are situated in the 7th, 8th, 9th, and 10th astrological house), [VarBṛS.]
शक्ति  m. m.N. of a मुनि or sage (the eldest of वसिष्ठ's hundred sons; accord. to [VP.] he was father of पराशर, and was devoured by king कल्माष-पाद, when changed to a man-eating राक्षस, in consequence of a curse pronounced upon him by the sage; he is represented as having overcome विश्वामित्र at the sacrifice of king सौदास; he is regarded as the author of [RV. vii, 32, 26; ix, 97, 19-21; 108, 3; 14-16] ; शक्ति is also identified with one of the व्यासs, and with अवलोकितेश्वर, and has elsewhere the patr.जातूकर्ण and सांकृति), [Pravar.] ; [MBh. &c.]

शक्ति     

शक्तिः [śaktiḥ]  f. f. [शक्-क्तिन्]
(a) Power, ability, capacity, strength, energy, prowess; दैवं निहत्य कुरु पौरुषमात्मशक्त्या [Pt.1.361;] ज्ञाने मौनं क्षमा शक्तौ [R.1.22;] so यथाशक्ति, स्वशक्ति &c. (b) Faculty, capacity; स्मरण- शक्ति 'retentive faculty or memory'.
Regal power; (it has three parts or elements; 1 प्रभुशक्ति or प्रभावशक्ति' the majesty or pre-eminent position of the king himself'; 2 मंत्रशक्ति 'the power of good counsel'; and 3 उत्साहशक्ति 'the power of energy'); राज्यं नाम शक्तित्रयायत्तम् Dk.; त्रिसाधना शक्तिरिवार्थसंचयम् [R.3.13;6.33;17.63;] [Śi.2.26.]
The power of composition, poetic power or genius; शक्तिर्निपुणता लोकशास्त्रकाव्याद्यवेक्षणात् [K.P.1;] see explanation ad loc.
The active power of a deity, regarded as his wife, female divinity; (these are variously enumerated, 8, 9 or even 5 being mentioned); स जयति परिणद्धः शक्तिभिः शक्तिनाथः [Māl.5.1;] [Ś.7.35.]
A kind of missile; शक्तिखण्डामर्षतेन गाण्डीविनोक्तम् [Ve. 3;] ततो विभेद पौलस्त्यः शक्त्या वक्षसि लक्ष्मणम् [R.12.77.]
A spear, dart, pike, lance.
(In phil.) The relation of a term to the thing designated.
The power inherent in cause to produce its necessary effect.
(In Rhet.) The power or signification of a word; (these are three अभिधा, लक्षणा and व्यञ्जना); तिस्रः शब्दस्य शक्तयः [S. D.11.]
The expressive power or denotation of a word (opp. लक्षणा and व्यञ्जना); it is thus defined: अस्माच्छब्दादयमर्थो बोद्धव्य इत्याकारकोऽनादिसंकेतः शक्तिः [Tarka. K.]
The female organ, the counterpart of the Phallus of &Saucte;iva worshipped by a sect of people called Śāktas.
A sword.
An implement in gambling.-Comp.
-अर्धः   perspiring and panting through fatigue or exertion.
-अपेक्ष, -अपेक्षिन् a.  a. having regard to strength; षाड्गुण्यमुपयुञ्जीत शक्त्यपेक्षो रसायनम् [Śi.2.93.] -कुण्ठनम् the deadening of a power.
-ग्रह   a.
apprehending the force or meaning.
armed with a spear.
(हः) apprehension of the force, meaning, or acceptation of a word.
a spearman, lancer.
an epithet of Śiva.
of Kārtikeya.
-ग्राहक a.  a. determining or establishing the meaning of a word. (-कः) epithet
-त्रयम्   the three constituent elements of regal power; see शक्ति (2) above.
-धर a.  a. strong, powerful.
(रः) a spearman.
an epithet of Kārtikeya; ततस्तामेव चोत्कृष्य शक्तिं शक्तिधरप्रियः [Rām. 7.8.11.]
-ध्वजः  N. N. of Kārtikeya; शक्तिध्वजशिखरशूलोत्सेधं सौधमागतम् [Dk.2.5.]
-नाथः  N. N. of Śiva; स जयति परिणद्धः शक्तिभिः शक्तिनाथः [Māl.5.1.]
-पर्णः   Alstonia Scholaris. (Mar. सातवीण).
-पाणिः, -भृत्  m. m.
a spearman.
an epithet of Kārtikeya.
पातः prostration of strength.
In Yoga philosophy, a spiritual procedure, by which the preceptor puts his strength (spiritual power) in his pupil.
-पूजकः   a Śākta q. v.
-पूजा   the worship of Śakti.
-पूर्वः   an epithet of Parāśara.-वैकल्यम् loss of strength, debility, incapacity. -हीनa. powerless, weak, impotent.
-हेतिकः   a lancer, spearman.

शक्ति     

Shabda-Sagara | Sanskrit  English
शक्ति  f.  (-क्तिः)
1. Power, regal power as resulting from “प्रभुशक्ति” or “प्रभाव- शक्ति” majesty, “उत्साहशक्ति” energy, perseverance, “मन्त्रशक्ति” the power of god counsel: see शक्तित्रय.
2. Power, strength, prowess.
3. An iron spear or dart.
4. The energy or active power of a deity, per- sonified as his wife, as GAURĪ of ŚIVA, LAKSHMĪ of VISHṆU, &c. 5. The female organ as the counterpart of the phallic personifica- tion of ŚIVA, and worshipped either literally or figuratively by a sect of Hindus, thence termed ŚĀKTAS.
6. Allaying or appeasing opposition.
7. Force or signification of words, (op. to लक्षणा and व्यञ्जना.)
8. The relation of a word to the thing designated by it, (in Nyāya Phil.)
9. Poetic genius.
10. The inherent power of a cause to produce its effects, (in Nyāya Phil.)
E. शक् to be able, aff. क्तिन् .
ROOTS:
शक् क्तिन् .

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