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अध्याय १ - युगानयन

मानसागरी - अध्याय १ - युगानयन

ज्योतिष का मुख्य उद्देश्य दैनिक जीवन की समस्याओं का समाधान करना, आगामी घटनाओं की चेतावनी देना तथा उन घटनाओं का समय निश्चित करने मे व्यक्ति को सहायता प्रदान करना है ।

Jyotisha or Horoscope is a prediction of someone's future based on the relative positions of the planets


चार लाख बत्तीस हजार ४३२००० वर्ष कलियुगकी संख्या है । इसको क्रमसे पृथक् २ चार ( ४ ) तीन ( ३ ) दो ( २ ) से गुणा करदे तो कृतयुग, त्रेता और द्वापरके प्रमाणवर्ष होंगे ॥१॥

उदाहरण-- कलियुगके वर्षगण ४३२००० को ४ से गुणा तब १७२८००० सतरह लाख अट्ठाईस हजार वर्ष कृतयुगका मान हुआ, फिर वही कलिके वर्ष ४३२००० को तीन ३ से गुणा तब १२९६००० बारह लाख छानवे हजार वर्ष त्रेतायुगका मान हुआ । फिर ४३२००० को २ से गुणा तव ८६४००० आठ लाख चौंसठ हजार वर्ष द्वापरमान हुआ । इन चारोंको इकट्ठा करनेसे ४३२००० तेंतालीस लाख वीस हजार वर्ष महायुगमान हआ ।

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Last Updated : January 22, 2014

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