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जग असारमें सार रसना ! हरि...

नाम महिमा - जग असारमें सार रसना ! हरि...

भगवन्नामकी महिमा अपरंपार है, नामोच्चारसे जीवनके पाप नष्ट हो जाते है ।


जग असारमें सार रसना ! हरि-हरि बोल ।

यह तन है एक जर्जरि नैया केवल है हरिनाम खिवैया ।

हरिसे नाता जोड़, रसना ! हरि-हरि बोल ॥१॥

यह तन तुझको करज मिला है,चुकता तूने कुछ न किया है ।

जगसे नाता तोड़, रसना ! हरि-हरि बोल ॥२॥

ना पूरा तो थोड़ा कर ले, राम नाम हिरदयमें धर ले ।

हरि सुमिरन कर शोर रसना ! हरि-हरि बोल ॥३॥

लख-चौरासी भरम गमायो, बड़े भाग मानुष तन पायो ।

जाग ! हो गया भोर,रसना ! हरि-हरि बोल ॥४॥

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Last Updated : January 22, 2014

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