मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष व्रत - कालाष्टमी

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


कालाष्टमी

( शिवरहस्य ) -

मार्गशीर्ष कृष्णाष्टमीको कालाष्टमीका कृत्य किया जाता है । इस दिन

' जागरं चोपवासं च कृत्वा कालाष्टमीदिने । प्रयतः पापनिर्मुक्तः शैवो भवति शोभनः ॥'

के अनुसार उपवास करके रात्रिमें जागरण करे तो सब पाप दूर हो जाते हैं और व्रती शैव बन जाता है ।

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Last Updated : January 22, 2009

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