कार्तिक शुक्लपक्ष व्रत - राज्यप्राप्तिव्रत

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


राज्यप्राप्तिव्रत

( विष्णुधर्मोत्तर ) -

इस व्रतके निमित्त १ - क्रतु ( यज्ञ ), २ - दक्ष, ३ - वसु, ४ - सत्य,५ - काल ६ - काम, ७ - मुनि, ८ - कुरुवान्मनुज, ९ - परशुराम और १० - विश्वेदेव - इनका गन्ध, पुष्प, धूप, दीप और अन्नादिसे पूजन करके

' पारणान्ते '

( व्रतके अन्तमें ) सुवर्णदि सामग्री ब्राह्मणको दे । यह व्रत कार्तिक शुक्ल दशमीसे आरम्भ किया जाता है और उपर्युक्त क्रतु - दक्षादि दस देव केशवके आत्मा हैं, अतः इनके अर्चनसे अवश्य ही राज्यलाभ होता है ।

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Last Updated : January 22, 2009

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