भाद्रपद कृष्णपक्ष व्रत - कज्जलीतृतीया

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


कज्जलीतृतीया

( कृत्यरत्नावली ) -

यद्यापि यह व्रत वाक्य - विशेष या देश - भेदसे श्रावणमें किया जाता है, किंतु भाद्रपद कृष्ण तृतीयाको व्यापकरुपमें होता है । माहेश्वरी वैश्य इस दिन जौ, गेहूँ, चने और चावलके सत्तूमें घी, मीठा और मेवा डालकर उसके कई पदार्थ बनाते और चन्द्रोयके बाद उसीका एक बार भोजन करते हैं । इस कारण यह व्रत ' सातूड़ी तीज ' अथवा ' सतवा तीज ' कहलाता है ।

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Last Updated : January 21, 2009

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