वैशाख शुक्लपक्ष व्रत - वैशाखी अष्टमी

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


वैशाखी अष्टमी ( निर्णयामृत ) -

इसके निमित्त वैशाख शुक्ल अष्टमीको आमके रससे स्त्रान करके अपराजिता देवीको उशीर और जटामासीके जलसे स्त्रान करावे । फिर पञ्चगन्ध ( जायफल, पूगफल, कपूर, कंकोल और लौंग ) का लेपन करे और गन्ध - पुष्पादिसे पूजन करके घी, शक्कर तथा स्वीरका भोग लगावे । स्वयं उपवास करे और दूसरे दिन नवमीको ब्राह्मण - भोजन कराकर भोजन करे तो समस्त तीर्थोंमें स्त्रान करनेके समान फल होता है ।

कङ्कोलपूगकर्पूरं जातीफललवङ्गके ।

सुगन्धपञ्चकं प्रोक्तमायुर्वेदप्रकाशके ॥ ( देवीपुराणे )

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Last Updated : January 16, 2009

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