वैशाख कृष्णपक्ष व्रत - चण्डिकानवमी

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


चण्डिकानवमी -

यह व्रत वैशाखके दोनों पक्षोंमे नवमीको किया जाता है । उस दिन प्रातःस्त्रानके पश्चात् लाल धोती पहनकर सुगन्धयुक्त पुष्पादिसे चण्डिका देवीका पूजन करे और पुष्पाञ्जलि अर्पण कर उपवास रखे । इस व्रतका सविधि अनुष्ठान करनेवाला मनुष्य हंस, कुन्द और चन्द्रमाके समान गौरवर्ण एवं ध्रुवके समान तेजस्वी दिव्य स्वरुप धारणकर उत्तम विमानपर आरुढ़ हो देवलोकमें आदर पाता है ।

हंसकुन्देन्दुसंकाशस्तेजसा ध्रुवसंनिभः ।

विमानवरमारुढो देवलोके महीयते ॥ ( निर्णयामृते भविष्योत्तरे )

N/A

References : N/A
Last Updated : January 16, 2009

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP