क्षमा

भगवान के प्रती सूक्ति मे श्रवण-सुखद,सुन्दर शब्दविन्यास और प्रसाद माधुर्य आदि गुणोंसे समन्वित सारभूत श्लोकोंका संचय किया जाता है।


क्षमा खडगः करे यस्य दुर्जनः किं करिष्यति ।

अतृणे पतितो वह्निः स्वयमेवोपशाम्यति ॥१०॥

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Last Updated : March 14, 2008

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