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हौं तो खेलौं पियासँग होरी...

भजन - हौं तो खेलौं पियासँग होरी...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


हौं तो खेलौं पियासँग होरी ।

दरस-परस पतिबरता पियकी, छबि निरखत भइ बौरी ॥

सोलह कला सँपूरन देखौं, रबि ससि भे इक ठौरी ।

जबतें दृष्टि परयो अबिनासी लागी रूप-ठगौरी ॥

रसना रटति रहति निसि बासर, नैन लगे यहि ठौरी ।

कह 'यारी' यादि करु हरिकी, कोइ कहैं सो कहौ री ॥

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Last Updated : December 25, 2007

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