हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|युगलप्रियाजी|
माई मोकों जुगलनाम निधि भा...

भजन - माई मोकों जुगलनाम निधि भा...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


माई मोकों जुगलनाम निधि भाई ।

सुख-संपदा जगतकी झूठी, आई संग न जाई ॥

लोभी को धन काम न आवै अंतकाल दुखदाई ।

जो जोरै धन अधम करम तें, सर्बस चलै नसाई ॥

कुलके धरम कहा लै कीजै, भक्ति न मनमें आई ।

जुगलप्रिया सब तजौ भजौ हरि, चरन-कमल मन लाई ॥

N/A

References : N/A
Last Updated : December 25, 2007

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP