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भज मन राधा गोपाल छोड़ो सब ...

भजन - भज मन राधा गोपाल छोड़ो सब ...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


भज मन राधा गोपाल छोड़ो सब झगरौ ॥

सुत पति लखि तात मात सँगमें न कोऊ जात

झूठौ संसार जाल मायाको बगरौ ।

मिथ्या धन धाम ग्राम झूठौ है जग तमाम

नाहक ममतामें फँसो चरनणनमैं लगरौ ॥

यमपुर जब मार परे कोउ न सहाय करे

तन मन धन गेह नेह भूल जात सगरौ ।

चोला यह चामको निकाम रामनाम हीन

हंसा उड़ि जात जबै यमके संग झगरौ ॥

गर्भमें कबूल करी भक्ति हेतु देह धरी

भूल गये कौल फिरत भटकत जग सगरौ ।

दीनबंधु हे मुरारि ! सुनिये मेरी पुकार

रूपकुँवरि कृष्ण हेतु अर्पण तन हमरौ ॥

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Last Updated : December 23, 2007

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