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चेतहु चेतन बीर सबेरे ॥ इ...

भजन - चेतहु चेतन बीर सबेरे ॥ इ...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


चेतहु चेतन बीर सबेरे ॥

इष्ट-स्वरूप बिठारहु मनमें करकमल धनुतीर ।

एक छटा करुनाबारिधिकी अनुछन धारहु धीर ॥

भक्त-बिपति-भंजन रघुनायक मंत्र बिशद हर-पीर ।

'केशी' प्रीतम पाँव पखारिय ढारि सुनयनन-नीर ॥

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Last Updated : December 23, 2007

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