भजन - अब कुलकानि तजे ही बनैगी ।...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


अब कुलकानि तजे ही बनैगी ।

पलक ओट सत कोटि कलप सम, बिछुरत हिये कटारि हनैगी ॥१॥

ललितकिसोरी अंत एक दिन, तजिबेई जब तान तनैगी ।

फिर का सोच देहु तिल अंजुलि, लेहु अंक रसकेलि छनैगी ॥२॥

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Last Updated : December 22, 2007

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