भजन - मधुके मतवारे स्याम , खो...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


मधुके मतवारे स्याम, खोलौ प्यारे पलकैं ।

सीस मुकुट लटा छुटी और छुटी अलकैं ॥१॥

सुर-नर-मुनि द्वार ठाढ़ दरसहेतु किलकैं ।

नासिकाके मोति सोहैं बीच लाल ललकैं ॥२॥

कटि पीताम्बर मुरली कर स्त्रवन-कुँडल झलकैं ।

सूरदास मदनमोहन दरस दैहौं भलकैं ॥३॥

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Last Updated : December 21, 2007

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