भजन - हरिको ऐसोइ सब खेल । ...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


हरिको ऐसोइ सब खेल ।

मृग-तृस्ना जग ब्याप रही हैं, कहूँ बिजोरो न बेल ॥

धनमद जोबनमद और राजमद, ज्यों पंछिनमें डेल ।

कह हरिदास यहै जिय जानौ, तीरथको सो मेल ॥

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Last Updated : December 21, 2007

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