भजन - अब हम खूब वतन घर पाया । ...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


अब हम खूब वतन घर पाया ।

ऊँचा खेड़ा सदा मेरे भाया ॥टेक॥

बेगमपूर सहरका नाम ।

फिकर अँदेश नहीं तेहि ग्राम ॥१॥

नहिं जहाँ साँसत लानत मार ।

हैफन खता न तरस जवाल ॥२॥

आव न जान रहम औजूद ।

जहाँ गनी आप बसै मादूद ॥३॥

जोई सैलि करै सोई भावै ।

मरहम महलमें को अटकावै ॥४॥

कह रैदास खलास चमारा ।

जो उस सहर सो मीत हमारा ॥५॥

N/A

References : N/A
Last Updated : December 20, 2007

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP