हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|दादू दयाल|भजन संग्रह १|
ऐसा राम हमारे आवै । बार ...

भजन - ऐसा राम हमारे आवै । बार ...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


ऐसा राम हमारे आवै ।

बार पार कोइ अंत पावै ॥टेक॥

हलका भारी कह्या न जाइ ।

मोल-माप नाहिं रह्या समाइ ॥

किअम्त लेखा नहिं परिमाण ।

सब पचि हार साध सुजाण ॥२॥

आगौ पीछौ परिमित नाहीं ।

केते पारिष आवहिं जाहीं ॥३॥

आदि अंत-मधि लखै न कोइ ।

दादू देखे अचरज होइ ॥४॥

N/A

References : N/A
Last Updated : September 28, 2008

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP