माघ शुक्लपक्ष व्रत - तिलद्वादशी

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


तिलद्वादशी

( ब्रह्मपुराण ) - यह व्रत षट्रतिलाके समान है । इसके लिये माघ शुक्ल द्वादशीको तिलोंके जलसे स्त्रान करे । तिलोंसे विष्णुका पूजन करे । तिलोंके तेलका दीपक जलाये । तिलोंका नैवेद्य बनाये । तिलोंका हवन करे और तिलोंका दान करके तिलोंका ही भोजन करे तो इस व्रतके प्रभावसे स्वाभाविक, आगन्तुक, कायकान्तर और सांसर्गिक सम्पूर्ण व्याधि दूर होती है और सुख मिलता है ।

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Last Updated : January 01, 2002

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