माघ कृष्णपक्ष व्रत - सुखचतुर्थी

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


सुखचतुर्थी

( भविष्यपुराण ) - सुमन्तुरुके

' चतुर्थी तु चतुर्थी तु यदाङ्गारकसंयुता । चतुर्थ्यां तु चतुर्थ्यां तु विधानं श्रृणु यादृशम् ॥'

के अनुसार माघ शुक्ल चतुर्थीको यदि मंगलवार हो तो लाल वर्णके गन्ध, अक्षत और पुष्प, नैवेद्यसे गणेशजीका पूजन करके उपवास करे । इस प्रकार चतुर्थ - चतुर्थ ( चौथी, चौथी ) चतुर्थी ( माघ, वैशाख, भाद्रपद और पौष ) का एक वर्ष व्रत करे तो सब प्रकारके सुख प्राप्त होते हैं । प्रत्येक चतुर्थीको भौमवार होना आवश्यक है ।

N/A

References : N/A
Last Updated : January 01, 2002

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP