माघ कृष्णपक्ष व्रत - वक्रतुण्डचतुर्थी

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


वक्रतुण्डचतुर्थी

( भविष्योत्तर ) - माघ कृष्ण चन्द्रोदयव्यापिनी चतुर्थीको वक्रतुण्डचतुर्थी कहते हैं । इस व्रतका आरम्भ ' गणपतिप्रीतये संकष्टचतुर्थीव्रतं करिष्ये ' - इस प्रकार संकल्प करके करे । सायंकालमें गणेशजीका और चन्द्रोदयके समय चन्द्रका पूजन करके अर्घ्य दे । इस व्रतको माघसे आरम्भ करके हर महीनेमें करे तो संकटका नाश हो जाता है ।

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Last Updated : January 01, 2002

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