अजपाजप

प्रस्तुत पूजा प्रकरणात भिन्न भिन्न देवी-देवतांचे पूजन, योग्य निषिद्ध फूल यांचे शास्त्र शुद्ध विवेचन आहे.


मानव-शरीर अत्यन्त महत्वपूर्ण और दुर्लभ है । यदि शास्त्रके अनुसार इसका उपयोग किया जाय तो मनुष्य ब्रह्मको भी प्राप्त कर सकता है । इसके लिये शास्त्रोंमे बहुत-से साधन बतलाये गये हैं । उनमें सबसे सुगम साधन है-- 'अजपाजप' । इस साधनसे पता चलता है कि जीवपर भगवान्‍की कितनी असीम अनुकम्पा है । अजपाजपका संकल्प कर लेनेपर चौबीस घंटोमें एक क्षण भी व्यर्थ नहीं हो पाता -- चाहे हम जागते हों, स्वप्नमें हों या सुषुप्तिमें हों, प्रत्येक स्थितिमें 'हंस:' का जप श्वासक्रियाद्वारा अनायास होता ही रहता है । संकल्प कर देनेसे यह जप मनुष्यद्वारा किया हुआ माना जाता है३ ।

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Last Updated : November 25, 2018

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