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श्रीरङ्गनायिकाष्टोत्तरशतनामावलिः

श्रीरङ्गनायिकाष्टोत्तरशतनामावलिः

अष्टोत्तरशतनामावलिः म्हणजे देवी देवतांची एकशे आठ नावे, जी जप करताना म्हणावयाची असतात. नावे घेताना १०८ मण्यांची जपमाळ वापरतात.
Ashtottara shatanamavali means 108 names of almighty God and Godess.


अथ श्रीरङ्गनायिकाष्टोत्तरशतनामावलिः ॥
ॐ श्रियै नमः ॥
ॐ लक्ष्म्यै नमः ॥
ॐ कमलायै नमः ॥
ॐ देव्यै नमः ॥
ॐ मायै नमः ॥
ॐ पद्मायै नमः ॥
ॐ कमलालयायै नमः ॥
ॐ पद्मेस्थितायै नमः ॥
ॐ पद्मवर्णायै नमः ॥
ॐ पद्मिन्यै नमः ॥
ॐ मणिपङ्कजायै नमः ॥
ॐ पद्मप्रियायै नमः ॥
ॐ नित्यपुष्टायै नमः ॥
ॐ उदारायै नमः ॥
ॐ पद्ममालिन्यै नमः ॥
ॐ हिरण्यवर्णायै नमः ॥
ॐ हरिण्यै नमः ॥
ॐ अर्कायै नमः ॥
ॐ चन्द्रायै नमः ॥
ॐ हिरण्मय्यै नमः ॥
ॐ आदित्यवर्णायै नमः
ॐ अश्वपूर्वजायै नमः ॥
ॐ हस्तिनादप्रबोधिन्यै नमः ॥
ॐ रथमध्यायै नमः ॥
ॐ देवजुष्टायै नमः ॥
ॐ सुवर्णरजतस्रजायै नमः ॥
ॐ गन्धद्वारायै नमः ॥
ॐ दुराधर्षायै नमः ॥
ॐ तर्पयन्त्यै नमः ॥
ॐ करीषिण्यै नमः ॥
ॐ पिङ्गलायै नमः ॥
ॐ सर्वभूतानामीश्वर्यै नमः ॥
ॐ हेममालिन्यै नमः ॥
ॐ कांसोस्मितायै नमः ॥
ॐ पुष्करिण्यै नमः ॥
ॐ ज्वलन्त्यै नमः ॥
ॐ अनपगामिन्यै नमः ॥
ॐ सूर्यायै नमः ॥
ॐ सुपर्णायै नमः ॥
ॐ मात्रे नमः ॥
ॐ विष्णुपत्न्यै नमः ॥
ॐ हरिप्रियायै नमः ॥
ॐ आर्द्रायै नमः ॥
ॐ पुष्करिण्यै नमः ॥
ॐ गङ्गायै नमः ॥
ॐ वैष्णव्यै नमः ॥
ॐ हरिवल्लभायै नमः ॥
ॐ श्रयणीयायै नमः ॥
ॐ हैरण्यप्राकारायै नमः ॥
ॐ नलिनालयायै नमः ॥
ॐ विश्वप्रियायै नमः ॥
ॐ महादेव्यै नमः ॥
ॐ महालक्ष्म्यै नमः ॥
ॐ वरायै नमः ॥
ॐ रमायै नमः ॥
ॐ पद्मालयायै नमः ॥
ॐ पद्महस्तायै नमः ॥
ॐ पुष्ट्यै नमः ॥
ॐ गन्धर्वसेवितायै नमः ॥
ॐ आयासहारिण्यै नमः ॥
ॐ विद्यायै नमः ॥
ॐ श्रीदेव्यै नमः ॥
ॐ चन्द्रसोदर्यै नमः ॥
ॐ वरारोहायै नमः ॥
ॐ भृगुसुतायै नमः ॥
ॐ लोकमात्रे नमः ॥
ॐ अमृतोद्भवायै नमः ॥
ॐ सिन्धुजायै नमः ॥
ॐ शार्ङ्गिण्यै नमः ॥
ॐ सीतायै नमः ॥
ॐ मुकुन्दमहिष्यै नमः ॥
ॐ इन्दिरायै नमः ॥
ॐ विरिञ्चजनन्यै नमः ॥
ॐ धात्र्यै नमः ॥
ॐ शाश्वतायै नमः ॥
ॐ देवपूजितायै नमः ॥
ॐ दुग्धायै नमः ॥
ॐ वैरोचन्यै नमः ॥
ॐ गौर्यै नमः ॥
ॐ माधव्यै नमः ॥
ॐ अच्युतवल्भायै नमः ॥
ॐ नारायण्यै नमः ॥
ॐ राजलक्ष्म्यै नमः ॥
ॐ मोहिन्यै नमः ॥
ॐ सुरसुन्दर्यै नमः ॥
ॐ सुरेशसेव्यायै नमः ॥
ॐ सावित्र्यै नमः ॥
ॐ संपूर्णायुष्कर्यै नमः ॥
ॐ सत्यै नमः ॥
ॐ सर्वदुःखहरायै नमः ॥
ॐ आरोग्यकारिण्यै नमः ॥
ॐ सत्कलत्रिकायै नमः ॥
ॐ सम्पत्कर्यै नमः ॥
ॐ जैत्र्यै नमः ॥
ॐ सत्सन्तान प्रदायै नमः ॥
ॐ इष्टदायै नमः ॥
ॐ विष्णुवक्षस्थलावासायै नमः ॥
ॐ वाराह्यै नमः ॥
ॐ वारणार्चितायै नमः ॥
ॐ धर्मज्ञायै नमः ॥
ॐ सत्यसङ्कल्पायै नमः ॥
ॐ सच्चिदानन्द विग्रहायै नमः ॥
ॐ धर्मदायै नमः ॥
ॐ धनदायै नमः ॥
ॐ सर्वकामदायै नमः ॥
ॐ मोक्षदायिन्यै नमः ॥
ॐ सर्व शत्रु क्षयकर्यै नमः ॥
ॐ सर्वाभीष्टफलप्रदायै नमः ॥
ॐ श्रीरङ्गनायक्यै नमः ॥१०८

श्रीरङ्गनायिकाष्टोत्तरशत नामावलिः समाप्ता ॥

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Last Updated : November 11, 2016

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