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Bhagvad Gita
The Bhagvad Gita is a conversation between Lord Krishna and the Pandava prince Arjuna taking place on the battlefield before the start of the Kuruks..
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Bhagvad Gita - Chapter One
The Bhagvad Gita is a conversation between Lord Krishna and the Pandava prince Arjuna taking place on the battlefield before the start of the Kuruks..
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Bhagvad Gita - Chapter Two
The Bhagvad Gita is a conversation between Lord Krishna and the Pandava prince Arjuna taking place on the battlefield before the start of the Kuruks..
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Bhagvad Gita - Chapter Three
The Bhagvad Gita is a conversation between Lord Krishna and the Pandava prince Arjuna taking place on the battlefield before the start of the Kuruks..
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Bhagvad Gita - Chapter Nine
The Bhagvad Gita is a conversation between Lord Krishna and the Pandava prince Arjuna taking place on the battlefield before the start of the Kuruks..
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Bhagvad Gita - Chapter Ten
The Bhagvad Gita is a conversation between Lord Krishna and the Pandava prince Arjuna taking place on the battlefield before the start of the Kuruks..
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Bhagvad Gita - Chapter Eleven
The Bhagvad Gita is a conversation between Lord Krishna and the Pandava prince Arjuna taking place on the battlefield before the start of the Kuruks..
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Bhagvad Gita - Chapter Twelve
The Bhagvad Gita is a conversation between Lord Krishna and the Pandava prince Arjuna taking place on the battlefield before the start of the Kuruks..
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Bhagvad Gita - Chapter Thirteen
The Bhagvad Gita is a conversation between Lord Krishna and the Pandava prince Arjuna taking place on the battlefield before the start of the Kuruks..
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Bhagvad Gita - Chapter Fourteen
The Bhagvad Gita is a conversation between Lord Krishna and the Pandava prince Arjuna taking place on the battlefield before the start of the Kuruks..
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Bhagvad Gita - Chapter Fifteen
The Bhagvad Gita is a conversation between Lord Krishna and the Pandava prince Arjuna taking place on the battlefield before the start of the Kuruks..
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Bhagvad Gita - Chapter Sixteen
The Bhagvad Gita is a conversation between Lord Krishna and the Pandava prince Arjuna taking place on the battlefield before the start of the Kuruks..
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Bhagvad Gita - Chapter Seventeen
The Bhagvad Gita is a conversation between Lord Krishna and the Pandava prince Arjuna taking place on the battlefield before the start of the Kuruks..
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Bhagvad Gita - Chapter Eighteen
The Bhagvad Gita is a conversation between Lord Krishna and the Pandava prince Arjuna taking place on the battlefield before the start of the Kuruks..
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श्रीमद्भगवद्गीता
श्रीमद्भगवद्गीताका मनन-विचार धर्मकी दृष्टीसे, सृष्टी रचनाकी दृष्टीसे, साहित्यकी दृष्टीसे, या भाव भक्तिसे किया जाय तो जीवन सफल ही सफल है।
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय १
श्रीमद्भगवद्गीताका मनन-विचार धर्मकी दृष्टीसे, सृष्टी रचनाकी दृष्टीसे, साहित्यकी दृष्टीसे, या भाव भक्तिसे किया जाय तो जीवन सफल ही सफल है।
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय २
श्रीमद्भगवद्गीताका मनन-विचार धर्मकी दृष्टीसे, सृष्टी रचनाकी दृष्टीसे, साहित्यकी दृष्टीसे, या भाव भक्तिसे किया जाय तो जीवन सफल ही सफल है।
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय ३
श्रीमद्भगवद्गीताका मनन-विचार धर्मकी दृष्टीसे, सृष्टी रचनाकी दृष्टीसे, साहित्यकी दृष्टीसे, या भाव भक्तिसे किया जाय तो जीवन सफल ही सफल है।
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय ४
श्रीमद्भगवद्गीताका मनन-विचार धर्मकी दृष्टीसे, सृष्टी रचनाकी दृष्टीसे, साहित्यकी दृष्टीसे, या भाव भक्तिसे किया जाय तो जीवन सफल ही सफल है।
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय ५
श्रीमद्भगवद्गीताका मनन-विचार धर्मकी दृष्टीसे, सृष्टी रचनाकी दृष्टीसे, साहित्यकी दृष्टीसे, या भाव भक्तिसे किया जाय तो जीवन सफल ही सफल है।
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय ६
श्रीमद्भगवद्गीताका मनन-विचार धर्मकी दृष्टीसे, सृष्टी रचनाकी दृष्टीसे, साहित्यकी दृष्टीसे, या भाव भक्तिसे किया जाय तो जीवन सफल ही सफल है।
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय ७
श्रीमद्भगवद्गीताका मनन-विचार धर्मकी दृष्टीसे, सृष्टी रचनाकी दृष्टीसे, साहित्यकी दृष्टीसे, या भाव भक्तिसे किया जाय तो जीवन सफल ही सफल है।
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय ८
श्रीमद्भगवद्गीताका मनन-विचार धर्मकी दृष्टीसे, सृष्टी रचनाकी दृष्टीसे, साहित्यकी दृष्टीसे, या भाव भक्तिसे किया जाय तो जीवन सफल ही सफल है।
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय ९
श्रीमद्भगवद्गीताका मनन-विचार धर्मकी दृष्टीसे, सृष्टी रचनाकी दृष्टीसे, साहित्यकी दृष्टीसे, या भाव भक्तिसे किया जाय तो जीवन सफल ही सफल है।
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय १०
श्रीमद्भगवद्गीताका मनन-विचार धर्मकी दृष्टीसे, सृष्टी रचनाकी दृष्टीसे, साहित्यकी दृष्टीसे, या भाव भक्तिसे किया जाय तो जीवन सफल ही सफल है।
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय ११
श्रीमद्भगवद्गीताका मनन-विचार धर्मकी दृष्टीसे, सृष्टी रचनाकी दृष्टीसे, साहित्यकी दृष्टीसे, या भाव भक्तिसे किया जाय तो जीवन सफल ही सफल है।
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय १२
श्रीमद्भगवद्गीताका मनन-विचार धर्मकी दृष्टीसे, सृष्टी रचनाकी दृष्टीसे, साहित्यकी दृष्टीसे, या भाव भक्तिसे किया जाय तो जीवन सफल ही सफल है।
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय १३
श्रीमद्भगवद्गीताका मनन-विचार धर्मकी दृष्टीसे, सृष्टी रचनाकी दृष्टीसे, साहित्यकी दृष्टीसे, या भाव भक्तिसे किया जाय तो जीवन सफल ही सफल है।
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय १४
श्रीमद्भगवद्गीताका मनन-विचार धर्मकी दृष्टीसे, सृष्टी रचनाकी दृष्टीसे, साहित्यकी दृष्टीसे, या भाव भक्तिसे किया जाय तो जीवन सफल ही सफल है।
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय १५
श्रीमद्भगवद्गीताका मनन-विचार धर्मकी दृष्टीसे, सृष्टी रचनाकी दृष्टीसे, साहित्यकी दृष्टीसे, या भाव भक्तिसे किया जाय तो जीवन सफल ही सफल है।
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय १६
श्रीमद्भगवद्गीताका मनन-विचार धर्मकी दृष्टीसे, सृष्टी रचनाकी दृष्टीसे, साहित्यकी दृष्टीसे, या भाव भक्तिसे किया जाय तो जीवन सफल ही सफल है।
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय १७
श्रीमद्भगवद्गीताका मनन-विचार धर्मकी दृष्टीसे, सृष्टी रचनाकी दृष्टीसे, साहित्यकी दृष्टीसे, या भाव भक्तिसे किया जाय तो जीवन सफल ही सफल है।
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय १८
श्रीमद्भगवद्गीताका मनन-विचार धर्मकी दृष्टीसे, सृष्टी रचनाकी दृष्टीसे, साहित्यकी दृष्टीसे, या भाव भक्तिसे किया जाय तो जीवन सफल ही सफल है।
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श्रीमद्भगवद्गीता
श्रीमद्भगवद्गीतेत सांगितलेली भक्ति म्हणजे धार्मिक समाधान देणारे विचारयुक्त साधन आहे शिवाय श्रद्धा व भक्तियुक्त अंतःकरणाने एकाग्र होऊन विच..
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय १
श्रीमद्भगवद्गीतेत सांगितलेली भक्ति म्हणजे धार्मिक समाधान देणारे विचारयुक्त साधन आहे शिवाय श्रद्धा व भक्तियुक्त अंतःकरणाने एकाग्र होऊन विचार केल्यास..
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय २
श्रीमद्भगवद्गीतेत सांगितलेली भक्ति म्हणजे धार्मिक समाधान देणारे विचारयुक्त साधन आहे शिवाय श्रद्धा व भक्तियुक्त अंतःकरणाने एकाग्र होऊन विचार केल्यास..
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय ३
श्रीमद्भगवद्गीतेत सांगितलेली भक्ति म्हणजे धार्मिक समाधान देणारे विचारयुक्त साधन आहे शिवाय श्रद्धा व भक्तियुक्त अंतःकरणाने एकाग्र होऊन विचार केल्यास..
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय ४
श्रीमद्भगवद्गीतेत सांगितलेली भक्ति म्हणजे धार्मिक समाधान देणारे विचारयुक्त साधन आहे शिवाय श्रद्धा व भक्तियुक्त अंतःकरणाने एकाग्र होऊन विचार केल्यास..
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय ५
श्रीमद्भगवद्गीतेत सांगितलेली भक्ति म्हणजे धार्मिक समाधान देणारे विचारयुक्त साधन आहे शिवाय श्रद्धा व भक्तियुक्त अंतःकरणाने एकाग्र होऊन विचार केल्यास..
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय ६
श्रीमद्भगवद्गीतेत सांगितलेली भक्ति म्हणजे धार्मिक समाधान देणारे विचारयुक्त साधन आहे शिवाय श्रद्धा व भक्तियुक्त अंतःकरणाने एकाग्र होऊन विचार केल्यास..
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय ७
श्रीमद्भगवद्गीतेत सांगितलेली भक्ति म्हणजे धार्मिक समाधान देणारे विचारयुक्त साधन आहे शिवाय श्रद्धा व भक्तियुक्त अंतःकरणाने एकाग्र होऊन विचार केल्यास..
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय ८
श्रीमद्भगवद्गीतेत सांगितलेली भक्ति म्हणजे धार्मिक समाधान देणारे विचारयुक्त साधन आहे शिवाय श्रद्धा व भक्तियुक्त अंतःकरणाने एकाग्र होऊन विचार केल्यास..
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय ९
श्रीमद्भगवद्गीतेत सांगितलेली भक्ति म्हणजे धार्मिक समाधान देणारे विचारयुक्त साधन आहे शिवाय श्रद्धा व भक्तियुक्त अंतःकरणाने एकाग्र होऊन विचार केल्यास..
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय १०
श्रीमद्भगवद्गीतेत सांगितलेली भक्ति म्हणजे धार्मिक समाधान देणारे विचारयुक्त साधन आहे शिवाय श्रद्धा व भक्तियुक्त अंतःकरणाने एकाग्र होऊन विचार केल्यास..
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय ११
श्रीमद्भगवद्गीतेत सांगितलेली भक्ति म्हणजे धार्मिक समाधान देणारे विचारयुक्त साधन आहे शिवाय श्रद्धा व भक्तियुक्त अंतःकरणाने एकाग्र होऊन विचार केल्यास..
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय १२
श्रीमद्भगवद्गीतेत सांगितलेली भक्ति म्हणजे धार्मिक समाधान देणारे विचारयुक्त साधन आहे शिवाय श्रद्धा व भक्तियुक्त अंतःकरणाने एकाग्र होऊन विचार केल्यास..
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय १३
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय १४
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय १५
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय १६
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय १७
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
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श्रीमद्भगवद्गीता - अध्याय १८
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
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वर्णाश्रमधर्मनिर्णय
वर्ण ही एक अवस्था आहे. शास्त्रानुसार प्रत्येक व्यक्ति शूद्र ह्नणून जन्माला येतो, आणि प्रयत्नपूर्वक विकास करून अन्य वर्ण व्यवस्थेपर्यंत पोहोचतो. वास्त..
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वर्णाश्रमधर्मनिर्णय - मंगलाचरण
वर्ण ही एक अवस्था आहे. शास्त्रानुसार प्रत्येक व्यक्ति शूद्र ह्नणून जन्माला येतो, आणि प्रयत्नपूर्वक विकास करून अन्य वर्ण व्यवस्थेपर्यंत पोहोचतो. वास्त..
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वर्णाश्रमधर्मनिर्णय - वर्णव्यवस्था
वर्ण ही एक अवस्था आहे. शास्त्रानुसार प्रत्येक व्यक्ति शूद्र ह्नणून जन्माला येतो, आणि प्रयत्नपूर्वक विकास करून अन्य वर्ण व्यवस्थेपर्यंत पोहोचतो. वास्त..
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वर्णाश्रमधर्मनिर्णय - अथ ब्राम्हणलक्षण
वर्ण ही एक अवस्था आहे. शास्त्रानुसार प्रत्येक व्यक्ति शूद्र ह्नणून जन्माला येतो, आणि प्रयत्नपूर्वक विकास करून अन्य वर्ण व्यवस्थेपर्यंत पोहोचतो. वास्त..
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वर्णाश्रमधर्मनिर्णय - क्षत्रिय लक्षण
वर्ण ही एक अवस्था आहे. शास्त्रानुसार प्रत्येक व्यक्ति शूद्र ह्नणून जन्माला येतो, आणि प्रयत्नपूर्वक विकास करून अन्य वर्ण व्यवस्थेपर्यंत पोहोचतो. वास्त..
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वर्णाश्रमधर्मनिर्णय - वैश्यलक्षण
वर्ण ही एक अवस्था आहे. शास्त्रानुसार प्रत्येक व्यक्ति शूद्र ह्नणून जन्माला येतो, आणि प्रयत्नपूर्वक विकास करून अन्य वर्ण व्यवस्थेपर्यंत पोहोचतो. वास्त..
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वर्णाश्रमधर्मनिर्णय - शूद्रलक्षण
वर्ण ही एक अवस्था आहे. शास्त्रानुसार प्रत्येक व्यक्ति शूद्र ह्नणून जन्माला येतो, आणि प्रयत्नपूर्वक विकास करून अन्य वर्ण व्यवस्थेपर्यंत पोहोचतो. वास्त..
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वर्णाश्रमधर्मनिर्णय - क्षत्रियधर्म
वर्ण ही एक अवस्था आहे. शास्त्रानुसार प्रत्येक व्यक्ति शूद्र ह्नणून जन्माला येतो, आणि प्रयत्नपूर्वक विकास करून अन्य वर्ण व्यवस्थेपर्यंत पोहोचतो. वास्त..
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वर्णाश्रमधर्मनिर्णय - वैश्यकर्मधर्म
वर्ण ही एक अवस्था आहे. शास्त्रानुसार प्रत्येक व्यक्ति शूद्र ह्नणून जन्माला येतो, आणि प्रयत्नपूर्वक विकास करून अन्य वर्ण व्यवस्थेपर्यंत पोहोचतो. वास्त..
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वर्णाश्रमधर्मनिर्णय - शूद्रकर्मधर्म
वर्ण ही एक अवस्था आहे. शास्त्रानुसार प्रत्येक व्यक्ति शूद्र ह्नणून जन्माला येतो, आणि प्रयत्नपूर्वक विकास करून अन्य वर्ण व्यवस्थेपर्यंत पोहोचतो. वास्त..
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वर्णाश्रमधर्मनिर्णय - आश्रमव्यवस्थावर्णन
वर्ण ही एक अवस्था आहे. शास्त्रानुसार प्रत्येक व्यक्ति शूद्र ह्नणून जन्माला येतो, आणि प्रयत्नपूर्वक विकास करून अन्य वर्ण व्यवस्थेपर्यंत पोहोचतो. वास्त..
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वर्णाश्रमधर्मनिर्णय - आश्रमलक्षणवर्णन
वर्ण ही एक अवस्था आहे. शास्त्रानुसार प्रत्येक व्यक्ति शूद्र ह्नणून जन्माला येतो, आणि प्रयत्नपूर्वक विकास करून अन्य वर्ण व्यवस्थेपर्यंत पोहोचतो. वास्त..
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वर्णाश्रमधर्मनिर्णय - गृहस्थाश्रम
वर्ण ही एक अवस्था आहे. शास्त्रानुसार प्रत्येक व्यक्ति शूद्र ह्नणून जन्माला येतो, आणि प्रयत्नपूर्वक विकास करून अन्य वर्ण व्यवस्थेपर्यंत पोहोचतो. वास्त..
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वर्णाश्रमधर्मनिर्णय - बानप्रस्थाश्रम
वर्ण ही एक अवस्था आहे. शास्त्रानुसार प्रत्येक व्यक्ति शूद्र ह्नणून जन्माला येतो, आणि प्रयत्नपूर्वक विकास करून अन्य वर्ण व्यवस्थेपर्यंत पोहोचतो. वास्त..
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वर्णाश्रमधर्मनिर्णय - संन्यासाश्रम
वर्ण ही एक अवस्था आहे. शास्त्रानुसार प्रत्येक व्यक्ति शूद्र ह्नणून जन्माला येतो, आणि प्रयत्नपूर्वक विकास करून अन्य वर्ण व्यवस्थेपर्यंत पोहोचतो. वास्त..
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वर्णाश्रमधर्मनिर्णय - मठविभाग
वर्ण ही एक अवस्था आहे. शास्त्रानुसार प्रत्येक व्यक्ति शूद्र ह्नणून जन्माला येतो, आणि प्रयत्नपूर्वक विकास करून अन्य वर्ण व्यवस्थेपर्यंत पोहोचतो. वास्त..
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राजधर्म विचार- राजधर्म वर्णन
वर्ण ही एक अवस्था आहे. शास्त्रानुसार प्रत्येक व्यक्ति शूद्र ह्नणून जन्माला येतो, आणि प्रयत्नपूर्वक विकास करून अन्य वर्ण व्यवस्थेपर्यंत पोहोचतो. वास्त..
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राजधर्म विचार- राजाचे गुण
वर्ण ही एक अवस्था आहे. शास्त्रानुसार प्रत्येक व्यक्ति शूद्र ह्नणून जन्माला येतो, आणि प्रयत्नपूर्वक विकास करून अन्य वर्ण व्यवस्थेपर्यंत पोहोचतो. वास्त..
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राजधर्म विचार- राजाचा आवश्यक व्यवहार
वर्ण ही एक अवस्था आहे. शास्त्रानुसार प्रत्येक व्यक्ति शूद्र ह्नणून जन्माला येतो, आणि प्रयत्नपूर्वक विकास करून अन्य वर्ण व्यवस्थेपर्यंत पोहोचतो. वास्त..
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राजधर्म विचार- राजनीतीचे वर्णन
वर्ण ही एक अवस्था आहे. शास्त्रानुसार प्रत्येक व्यक्ति शूद्र ह्नणून जन्माला येतो, आणि प्रयत्नपूर्वक विकास करून अन्य वर्ण व्यवस्थेपर्यंत पोहोचतो. वास्त..
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राजधर्म विचार- व्यवहार नीति
वर्ण ही एक अवस्था आहे. शास्त्रानुसार प्रत्येक व्यक्ति शूद्र ह्नणून जन्माला येतो, आणि प्रयत्नपूर्वक विकास करून अन्य वर्ण व्यवस्थेपर्यंत पोहोचतो. वास्त..
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वर्णाश्रमधर्मनिर्णय - प्रजापालन
वर्ण ही एक अवस्था आहे. शास्त्रानुसार प्रत्येक व्यक्ति शूद्र ह्नणून जन्माला येतो, आणि प्रयत्नपूर्वक विकास करून अन्य वर्ण व्यवस्थेपर्यंत पोहोचतो. वास्त..
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वर्णाश्रमधर्मनिर्णय - प्रजा कर्तव्य
वर्ण ही एक अवस्था आहे. शास्त्रानुसार प्रत्येक व्यक्ति शूद्र ह्नणून जन्माला येतो, आणि प्रयत्नपूर्वक विकास करून अन्य वर्ण व्यवस्थेपर्यंत पोहोचतो. वास्त..
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वर्णाश्रमधर्मनिर्णय - राजा व राजसभा
वर्ण ही एक अवस्था आहे. शास्त्रानुसार प्रत्येक व्यक्ति शूद्र ह्नणून जन्माला येतो, आणि प्रयत्नपूर्वक विकास करून अन्य वर्ण व्यवस्थेपर्यंत पोहोचतो. वास्त..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही, म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा हा संग्रह. व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर्ति होते.
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग १
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही, म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह. व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर्ति होते.
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग २
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही, म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह. व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर्ति होते.
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ३
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही, म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह. व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर्ति होते.
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ४
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही, म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह. व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर्ति होते.
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ५
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही, म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह. व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर्ति होते.
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ६
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही, म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह. व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर्ति होते.
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ७
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही, म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह. व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर्ति होते.
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ८
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही, म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह. व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर्ति होते.
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ९
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही, म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह. व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर्ति होते.
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग १०
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही, म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह. व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर्ति होते.
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ११
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग १२
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर्ति होते .
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग १३
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग १४
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग १५
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग १६
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग १७
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग १८
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग १९
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग २०
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग २१
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग २२
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग २३
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग २४
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग २५
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग २६
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग २७
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग २८
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग २९
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ३०
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ३१
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ३२
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ३३
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ३४
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ३५
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ३६
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ३७
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ३८
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ३९
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ४०
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ४१
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ४२
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ४३
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ४४
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ४५
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ४६
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ४७
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ४८
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ४९
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ५०
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ५१
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ५२
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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व्रतोद्यापन प्रयोगः - पूजा भाग ५३
व्रत केल्यावर त्याचे उद्यापन पूर्ण झाल्याशिवाय फळ मिळत नाही , म्हणून उद्यापनांच्या प्रयोगांचा संग्रह . व्रत उद्यापनाने यजमानाची कर्मपूर..
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ब्रह्म सूत्राणि - प्रथमोध्यायः
ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत ज्यांची नांवे आहेत - समन्वय, अविरोध, साधन आणि फल. प्रत्येक अध्यायात चार भाग आहेत.
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द्वितीयोध्यायः - प्रथम: पाद:
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र १
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र २
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र ३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र ४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र ५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र ६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र ७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र ८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र ९
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र १०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र ११
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र १२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र १३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र १४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र १५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र १६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र १७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र १८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र १९
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र २०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र २१
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र २२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र २३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र २४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र २५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र २६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र २७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र २८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र २९
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र ३०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र ३१
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र ३२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र ३३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र ३४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र ३५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र ३६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र ३७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाध्यायः - द्वितीयाः पाद:
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र १
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र २
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र ३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र ४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र ५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र ६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र ७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र ८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र ९
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र १०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र ११
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र १२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र १३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र १४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र १५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र १६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र १७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र १८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र १९
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र २०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र २१
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र २२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र २३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र २४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र २५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र २६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र २७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र २८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र २९
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र ३०
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र ३१
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र ३२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र ३३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र ३४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र ३५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र ३६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र ३७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र ३८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र ३९
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र ४०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र ४१
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र ४२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र ४३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र ४४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाः पाद: - सूत्र ४५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाध्यायः - तृतीयाः पाद:
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र १
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र २
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ९
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र १०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ११
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र १२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीकाग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र १३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र १४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र १५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र १६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र १७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र १८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र १९
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र २०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र २१
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र २२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र २३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र २४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र २५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र २६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र २७,२८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र २९
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ३०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ३१
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ३२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ३३-३५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ३६-३७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ३८-३९
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ४०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ४१
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ४२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ४३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ४४-४५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ४६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ४७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ४८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ४९-५०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ५१-५३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयाध्यायः - चतुर्थः पाद:
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र १
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र २
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ९
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र १०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ११
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र १२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र १३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र १४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र १५-१६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र १७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र १८-१९
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र २०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र २१-२२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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ब्रह्म सूत्राणि - द्वितीयोध्यायः
ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत ज्यांची नांवे आहेत - समन्वय, अविरोध, साधन आणि फल. प्रत्येक अध्यायात चार भाग आहेत.
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तृतीयोध्यायः - प्रथम: पाद:
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र १
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र २
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र ३-४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र ५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र ६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र ७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र ८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र ९
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र १०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र ११
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र १३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र १४-१६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र १७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र १८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र १९-२१
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र २२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र २३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र २४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र २५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथम: पाद: - सूत्र २६-२७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयोध्यायः - द्वितीयः पाद:
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयः पाद: - सूत्र १-२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयोध्यायः - सूत्र ३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयोध्यायः - सूत्र ४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयोध्यायः - सूत्र ५-६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयोध्यायः - सूत्र ७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयोध्यायः - सूत्र ८-९
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयोध्यायः - सूत्र १०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयोध्यायः - सूत्र ११
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयोध्यायः - सूत्र १२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयोध्यायः - सूत्र १३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयोध्यायः - सूत्र १६-१७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयोध्यायः - सूत्र १८-२०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयोध्यायः - सूत्र २१
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयोध्यायः - सूत्र २२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयोध्यायः - सूत्र २३-२५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयोध्यायः - सूत्र २६-३०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयोध्यायः - सूत्र ३१
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयोध्यायः - सूत्र ३२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयोध्यायः - सूत्र ३३-३४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयोध्यायः - सूत्र ३५-३७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयोध्यायः - सूत्र ३८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयोध्यायः - सूत्र ३९-४१
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयोध्यायः - तॄतीय: पाद:
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तॄतीय: पाद: - सूत्र १
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र २
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ४-५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ९
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र १०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ११
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र १२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र १३-१४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र १५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र १६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र १७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र १८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र १९
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र २०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र २१-२२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र २३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र २४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र २५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र २६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र २७-२८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र २९-३०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ३१
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ३२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ३३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ३४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ३५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ३६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ३७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ३८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ३९
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ४०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ४१
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ४२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ४३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ४४-४५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ४६-४९
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ५०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ५१-५२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ५३-५४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ५५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ५६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ५७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ५८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ५९
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयाः पाद: - सूत्र ६०-६६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयोध्यायः - चतुर्थ: पाद:
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थ: पाद: - सूत्र १-२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ३-७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ९
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र १०-१३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र १४-१७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र १८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र १९
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र २०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र २१
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र २२-२३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र २४-२६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र २७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र २८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र २९-३३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ३४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ३५-३८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ३९-४०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ४१-४३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ४४-४६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ४७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ४८-४९
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ५०
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ५१
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ५२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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ब्रह्म सूत्राणि - तृतीयोध्यायः
ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत ज्यांची नांवे आहेत - समन्वय, अविरोध, साधन आणि फल. प्रत्येक अध्यायात चार भाग आहेत.
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चतुर्थोध्यायः - प्रथमः पादः
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथमः पादः - सूत्र १
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथमः पादः - सूत्र २
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथमः पादः - सूत्र ३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथमः पादः - सूत्र ४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथमः पादः - सूत्र ५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथमः पादः - सूत्र ६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथमः पादः - सूत्र ७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथमः पादः - सूत्र ८-११
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथमः पादः - सूत्र १२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथमः पादः - सूत्र १३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथमः पादः - सूत्र १४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथमः पादः - सूत्र १५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथमः पादः - सूत्र १६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथमः पादः - सूत्र १७-१८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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प्रथमः पादः - सूत्र १९
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थोध्यायः - द्वितीयः पादः
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयः पादः - सूत्र १
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयः पादः - सूत्र २-३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयः पादः - सूत्र ४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयः पादः - सूत्र ५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयः पादः - सूत्र ७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयः पादः - सूत्र ८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयः पादः - सूत्र ९-१२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयः पादः - सूत्र १३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयः पादः - सूत्र १४-१६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयः पादः - सूत्र १७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयः पादः - सूत्र १८-१९
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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द्वितीयः पादः - सूत्र २०-२१
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थोध्यायः - तृतीयः पादः
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयः पादः - सूत्र १
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयः पादः - सूत्र २
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तॄतीय: पाद: - सूत्र ३-४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयः पादः - सूत्र ५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयः पादः - सूत्र ६-८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयः पादः - सूत्र ९-१२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयः पादः - सूत्र १३-१४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयः पादः - सूत्र १५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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तृतीयः पादः - सूत्र १६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थोध्यायः - चतुर्थः पादः
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पादः - सूत्र १
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र २
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ३
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ४
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ७-८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र ९-११
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र १२-१५
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र १६
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र १७
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र १८
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र १९-२१
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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चतुर्थः पाद: - सूत्र २२
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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ब्रह्म सूत्राणि - चतुर्थोध्यायः
ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत ज्यांची नांवे आहेत - समन्वय, अविरोध, साधन आणि फल. प्रत्येक अध्यायात चार भाग आहेत.
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ब्रह्म सूत्राणि
ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत ज्यांची नांवे आहेत - समन्वय, अविरोध, साधन आणि फल. प्रत्येक अध्यायात चार भाग आहेत.
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धर्मः
धार्मिक सूत्रे आणि सूक्ति या धर्माच्या आधारस्तंभ आहेत.
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नारद भक्ति सूत्र
नारद भक्ति सूत्राचे रोज वाचन केल्याने सर्व कलह नष्ट होतात.
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नारद भक्ति सूत्र - प्रथमोऽध्यायः
नारद भक्ति सूत्राचे रोज वाचन केल्याने सर्व कलह नष्ट होतात
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नारद भक्ति सूत्र - द्वितीयोऽध्यायः
नारद भक्ति सूत्राचे रोज वाचन केल्याने सर्व कलह नष्ट होतात
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नारद भक्ति सूत्र - तृतियोऽध्यायः
नारद भक्ति सूत्राचे रोज वाचन केल्याने सर्व कलह नष्ट होतात
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नारद भक्ति सूत्र - चतुर्थोऽध्यायः
नारद भक्ति सूत्राचे रोज वाचन केल्याने सर्व कलह नष्ट होतात
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नारद भक्ति सूत्र - पञ्चमोऽध्यायः
नारद भक्ति सूत्राचे रोज वाचन केल्याने सर्व कलह नष्ट होतात
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प्रकाश संहिता - प्रथमपरिच्छेदः
प्रकाशसंहिता हा धर्मावर आधारित अत्यंत मोलाचा ग्रंथ आहे.
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गौतमीयधर्मशास्त्रेः - प्रथमप्रश्ने
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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प्रथमप्रश्ने - प्रथमोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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प्रथमप्रश्ने - द्वितीयोध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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प्रथमप्रश्ने - तृतीयोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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प्रथमप्रश्ने - चतुर्थोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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प्रथमप्रश्ने - पञ्चमोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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प्रथमप्रश्ने - षष्ठोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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प्रथमप्रश्ने - सप्तमोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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प्रथमप्रश्ने - अष्टमोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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प्रथमप्रश्ने - नवमोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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गौतमीयधर्मशास्त्रेः - द्वितीयप्रश्ने
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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द्वितीयप्रश्ने - दशमोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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द्वितीयप्रश्ने - एकादशोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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द्वितीयप्रश्ने - द्वादशोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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द्वितीयप्रश्ने - त्रयोदशोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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द्वितीयप्रश्ने - चतुर्दशोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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द्वितीयप्रश्ने - पञ्चदशोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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द्वितीयप्रश्ने - षोडशोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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द्वितीयप्रश्ने - सप्तदशोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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द्वितीयप्रश्ने - अष्टादशोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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गौतमीयधर्मशास्त्रेः - तृतीयप्रश्ने
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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तृतीयप्रश्ने - एकोनविंशोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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तृतीयप्रश्ने - विंशोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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तृतीयप्रश्ने - एकविंशोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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तृतीयप्रश्ने - द्वाविंशोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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तृतीयप्रश्ने - त्रयोविंशोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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तृतीयप्रश्ने - चतुर्विंशोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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तृतीयप्रश्ने - पञ्चविंशोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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तृतीयप्रश्ने - षड्विंशोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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तृतीयप्रश्ने - सप्तविंशोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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तृतीयप्रश्ने - अष्टाविंशोऽध्यायः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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गौतमीयधर्मशास्त्रेः
‘ गौतमीयधर्मशास्त्रेः ’ या ग्रंथात गौतमऋषींनी कथन केलेली धर्मसूत्रे आहेत.
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प्रथमपरिच्छेदः - द्वादशोऽध्यायः
'पाञ्चरात्रागमः' एक उत्कृष्ट रचना.
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बृहस्पतिस्मृतिः
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
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