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E

Extend

   
Script: Latin

Extend     

English WN - IndoWordNet | English  Any
verb  
Wordnet:
bdसानेर , सानेरफ्लाव
benদৌড়ানো , দৌ়ড় , দৌড়াদৌড়ি , দৌড়ানো , পশ্চাদ্ধাবন , পালানো , ধাওয়া , দেওয়া
hinदौड़ना , चलना , जाना , देना , अँगड़ाना , अँगड़ाई लेना , अंगड़ाना , अंगड़ाई लेना
kasدِیُن , کاڑکَڑُن , واش کَڑُن
kokपावप , धांवप , चलप , वचप , दिवप , आळशेवप , आळस काडप , आळस दिवप
marपसरणे , जाणे , चालणे , देणे
oriଯିବା , ଚାଲିବା , ଗମନ କରିବା , ଦୌଡିବା , ବିସ୍ତାରିତ ହେବା , ବିସ୍ତୃତ ହେବା , ଦେବା , ପ୍ରଦାନ କରିବା , ଅଳସ ଭାଙ୍ଗିବା , ଭିଡିମୋଡିହେବା
panਦੌੜਣਾ , ਚੱਲਣਾ , ਜਾਣਾ , ਦੇਣਾ , ਅੰਗੜਾਉਣਾ , ਅੰਗੜਾਈ ਲੈਣਾ

Extend     

वैज्ञानिक  | English  Marathi
वाढवणे, वाढणे

Extend     

(to prolong) लांबवणे, लांबणे
(to stretch out) वाढवणे, वाढणे
विस्तार करणे, विस्तार होणे
(to offer, accord as, invitation etc.) देणे

Extend     

भूशास्त्र  | English  Marathi
विस्तारणे, व्यापणे

Extend     

लोकप्रशासन  | English  Marathi
लांबवणे, लांबणे
वाढवणे, वाढणे
विस्तार करणे, विस्तार होणे

Extend     

न्यायव्यवहार  | English  Marathi
विस्तारित करणे, विस्तार करणे
विस्तार असणे
व्याप्ती असणे

Extend     

विस्तार करणे
वाढविणे
लांबवणे

Extend     

भूगोल  | English  Marathi
विस्तार करणे, विस्तार होणे
(to prolong) लांबवणे, लांबणे
(to stretch out) वाढवणे, वाढणे

Extend     

Student’s English-Sanskrit Dictionary | English  Sanskrit
Extend,v. t.तन् 8 U, वि-प्र-°; विस्तॄ 5, 9 U or c., प्र-सृ c., आ-यम् 1 P, वृध् c., दीर्घीकृ 8 U, प्रथ् 10.
ROOTS:
तन्विप्र°विस्तॄप्रसृआयम्वृध्दीर्घीकृप्रथ्
2प्रदा 3 U, वितॄ 1 P. -v. i.वितन्-विस्तॄ pass., व्याप् 5 P; प्र-रुह् 1 P, आयम् pass., प-सु-सृप् 1 P, प्रथ्-वृध् 1 A, वृत् 1 A; ‘the age of man e. ed to 10,000 years’ दशसहस्रवर्षायुषो नरा आसन्; ‘e. as tar as’ ex. by with abl. or in comp.; ‘whose sovereignty of the earth e. ed as far as the sea’ आसमुद्रक्षितीशानां (R. I. 5).
ROOTS:
प्रदावितॄवितन्विस्तॄव्याप्प्ररुह्आयम्पसुसृप्प्रथ्वृध्वृत्दशसहस्रवर्षायुषोनराआसन्आसमुद्रक्षितीशानां
-Extension,s.विस्तारः, विततिf., विस्तृतिf.,आयामः, प्रसारणं, प्रसरः, व्याप्ति f.,विस्तीर्णता.
ROOTS:
विस्तारविततिविस्तृतिआयामप्रसारणंप्रसरव्याप्तिविस्तीर्णता
2वृद्धिf.,प्रपंचः, विपुलता.
ROOTS:
वृद्धिप्रपंचविपुलता
-Extensive,a.विस्तीर्ण, विपुल, प्रचुर, विशाल, पृथु, आयत, असंबाध, महत्.
ROOTS:
विस्तीर्णविपुलप्रचुरविशालपृथुआयतअसंबाधमहत्
2 व्यापक, व्यापिन्.
ROOTS:
व्यापकव्यापिन्
-ly,adv.बहुशः, प्रचुरं, अतीव, अतिमात्रं, बाहुल्येन, भूयसा.
ROOTS:
बहुशप्रचुरंअतीवअतिमात्रंबाहुल्येनभूयसा
-ness, s.विस्तारः, &c.
ROOTS:
विस्तार
-Extent,s.विस्तारः, आयामः, आभोगः, विशालता, आयतिf., परिणाहः.
ROOTS:
विस्तारआयामआभोगविशालताआयतिपरिणाह
2परिमाणं, प्रमाणं, ‘the city is 100 yojanas in e.’ विस्तीर्णा योजनशतं पुरी; ‘to a great e.’ अतिमात्रं, अतीव; ‘to some e.’ कियताप्यंशेन, स्तोकं, ईषत्, मनाक्; ‘to such e.’ एतावत्, इयत्; ‘to the fullest e.’ सर्वांशेन, सर्वथा, ‘to what e.’ कियत्प्रमाणं, कियत्पर्यंतं.
ROOTS:
परिमाणंप्रमाणंविस्तीर्णायोजनशतंपुरीअतिमात्रंअतीवकियताप्यंशेनस्तोकंईषत्मनाक्एतावत्इयत्सर्वांशेनसर्वथाकियत्प्रमाणंकियत्पर्यंतं

Extend     

A Dictionary: English and Sanskrit | English  Sanskrit

To EXTEND , v. a.तन् (c. 8. तनोति -नितुं), वितन्, व्यातन्, प्रतन्,विततीकृ, प्रसृ in caus. (-सारयति -यितुं), अतिसृ, विसृ; विस्तॄ or विस्तृ (c. 5. -स्तृणोति, c. 9. -स्तृणाति -स्तरितुं -रीतुं, c. 10. -स्तारयति-यितुं), प्रथ् (c. 10. प्रथयति -यितुं), आयम् (c. 1. -यच्छति -यन्तुं), प्रपञ्च् (c. 10. -पञ्चयति -यितुं), प्रचर् in caus. (-चारयति -यितुं). — (Extend the hand, &c.) हस्तं प्रसृ in caus. or प्रग्रह् (c. 9. -गृह्लाति -ग्रहीतुं). —
(Enlarge) वृध् in caus. (वर्धयति -यितुं), संवृध्, विवृध्, विशालीकृ,विपुलीकृ, प्रचुरतरं -रां -रं कृ. —
(Grant, impart) दा (c. 3. ददाति,दातुं), प्रदा, अनुदा, प्रयम्. —
(Prolong) द्राघ (nom. द्राघयति -यितुं), दीर्घीकृ, दीर्घतरं -रां -रं कृ.
ROOTS:
तन्तनोतिनितुंवितन्व्यातन्प्रतन्विततीकृप्रसृ(सारयतियितुं)अतिसृविसृविस्तॄविस्तृस्तृणोतिस्तृणातिस्तरितुंरीतुंस्तारयतियितुंप्रथ्प्रथयतिआयम्यच्छतियन्तुंप्रपञ्च्पञ्चयतिप्रचर्(चारयतिहस्तंप्रग्रह्गृह्लातिग्रहीतुंवृध्(वर्धयतिसंवृध्विवृध्विशालीकृविपुलीकृप्रचुरतरंरांरंकृदाददातिदातुंप्रदाअनुदाप्रयम्द्राघद्राघयतिदीर्घीकृदीर्घतरं

To EXTEND , v. n.तन् in pass. (तन्यते), वितन्, विततीभू, प्रसृ (c. 1. -सरति -सर्त्तुं), प्रसृप् (c. 1. -सर्पति -स्रप्तुं), विसृप् आया (c. 2. -याति-तुं), आयम् (c. 1. -यच्छते -यन्तुं), प्रथ् (c. 1. प्रथते -थितुं), विप्रथ्, प्ररुह् (c. 1. -रोहति -रोढुं), विरुह्, विस्तॄ in pass. (-स्तीर्य्यते), व्याप् (c. 5. -आप्तोति -आप्तुं), विप्रस्था (c. 1. -तिष्ठति -स्थातुं), प्रवृध (c. 1. -वर्धते-र्धितुं), विजृम्भ् (c. 1. -जृम्भते -म्भितुं).
ROOTS:
तन्(तन्यते)वितन्विततीभूप्रसृसरतिसर्त्तुंप्रसृप्सर्पतिस्रप्तुंविसृप्आयायातितुंआयम्यच्छतेयन्तुंप्रथ्प्रथतेथितुंविप्रथ्प्ररुह्रोहतिरोढुंविरुह्विस्तॄ(स्तीर्य्यते)व्याप्आप्तोतिआप्तुंविप्रस्थातिष्ठतिस्थातुंप्रवृधवर्धतेर्धितुंविजृम्भ्जृम्भतेम्भितुं

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