दंतवक्र n. करुष-देश का राजा । यह वृद्धशर्मन् तथा श्रुतदेवी का पुत्र था । कलिंगराज चित्रांगद की कन्या के स्वयंवर में यह उपस्थित था
[म.शां.४.६] । द्रौपदी स्वयंवर में, लक्ष्यवेध का असफल प्रयत्न इसने किया था । वहॉं इसका वक्र नाम से निर्देश
[म.आ.१८२४] । पांडवों के राजसूययज्ञ के समय, दक्षिण दिग्विजय में सहदेव ने इसे जीता था
[म.स.२८.३.भा.९.२४.३७] । भारतीययुद्ध में इसे पांडवों की ओर से रण-निमंत्रण दिया गया था
[म.उ.४.२२] । शिशुपाल, शाल्व, सौभ, विदूरथ के बाद, कृष्ण ने इसका वध किया
[भा.१०.७८.१३] ; जयविजय देखिये ।